दमोह जिले के बटियागढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत गढ़ोलाखाड़े के किसान कमल सिंह लोधी का परिवार चूल्हा जलाने के लिए गैस पर निर्भर है, लेकिन वह एलपीजी नहीं है। किसान ने अपने मवेशियों के गोबर से चूल्हा जलाने का इंतजाम कर लिया है। कमल सिंह लोधी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटों के साथ यूट्यूब पर गोबर गैस का प्लांट तैयार करने का तरीका सीखा और उसे घर पर बना लिया। अब उसी गैस का उपयोग कर घर में खाना बन रहा है।  गोबर गैस प्लांट से गैस के साथ-साथ जैविक खाद भी मिलती है, जो फसलों के लिए संजीवनी का काम करती है। इसके निर्माण के दौरान एक ओवरफ्लो पाइप डाला जाता है, जब टैंक गोबर से भर जाता है, तो इस पाइप के जरिए जैविक खाद के रूप में बाहर निकलने लगता है। इसमें नाइट्रोजन होने के कारण यह फसल के लिए फायदेमंद है। हमारे परिवार में 20 लोगों का खाना इसी प्लांट से निकलने वाली गैस पर बनता है और फिर भी गैस बची रहती है। इस गोबर गैस की लागत लगभग 40 से 50 हजार रुपये आई है।