देवास जिले के खातेगांव विकासखण्ड में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग के संयुक्त दल ने ग्राम लवरास, बरछाबुजुर्ग, सवासड़ा, सवासड़ी, दुलवा, जामनेर आदि ग्रामों के खेतों का ‍निरीक्षण किया। इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ महेन्द्र सिंह ने कृषकों को सलाह दी कि मौसम परिर्वतन होने पर चने की इल्ली एवं सरसो में माहु का प्रकोप बढ़ सकता है। जिसके रोकथाम के लिए चने में इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी 100 ग्राम प्रति एकड़ एवं इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 50 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने की सलाह दी। उन्होंने देर से बोये गये गेहूं में खरपतवारनाशी 2-4 डी 1 ली. प्रति हेक्टेयर या कलेडिनोफास प्रापजिल-मेटसल्फयरान 400 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह प्रथम सिंचाई होने के बाद करें। फसले सामान्य ठीक अवस्था में है। कृषि विभाग के सहायक संचालक लोकेश गंगराडे एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एन.एस. गुर्जर ने सभी अऋणी किसानों से अपील की कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बीमा की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2024 है, जिन अऋणी किसानों ने अपना रबी फसलों का बीमा नहीं कराया है। वे अपना बीमा अवश्य करा लेवें।