अधिक अण्‍डे उत्‍पादित करने वाली ब्रीड का जिले में नवाचार की योजना तैयार  बीज सह बुवाई यंत्र भी प्रदान किये जायेंगे आत्‍मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक में कलेक्‍टर ने नवाचारों से किसानों की आर्थिक मजबूती के लिये दिये निर्देश दिनांक 27 सितम्बर 2023। आत्‍मा परियोजना के अंतर्गत जिले में 02 अनोखे नवाचार शीघ्र प्रारंभ होने जा रहे है। इन दोनों नवाचारों से किसानों को आर्थिक लाभ देना मुख्‍य उद्देश्‍य प्रस्‍तावित है। बुधवार को कलेक्‍टर सभा गृह में आयोजित हुई आत्‍मा गवर्निंग बोर्ड की बैठक में कलेक्‍टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने आत्‍मा परियोजना द्वारा प्रस्‍तुत किये गये दो नवाचारों की रूपरेखा को धरातल पर उतारने के लिये कहा कि इन नवाचारों की लगातार निगरानी करते हुये आर्थिक लाभ का भी ऑकलन आवश्‍यक रूप से करे। नवाचारों के संबंध में आत्‍मा परियोजना संचालक अर्चना डोंगरे ने कहा कि नर्मदा निधि प्रजाति का बेकयार्ड मुर्गीपालन 50 हितग्राहियों के साथ प्रारंभ होगा। इस ब्रीड मे देशी प्रजाति की तुलना में अण्‍डे लगभग दो गुना उत्‍पादित होते है। इसके अलावा 02 माह की आयु में चूजे 700 से 800 वजन के तथा 05 माह में 1500 ग्राम तक होने की पूरी संभावना रहती है। इस प्रजाति से हितग्राहियों को अच्‍छा लाभ मिलने की संभावनाओं को देखते हुये प्रयास प्रारंभ कर रहे है। वहीं एक अन्‍य नवाचार प्रारंभ होगा। जिसमें किसानों को उन्‍नत किस्‍म का बीज सह बुवाई यंत्र प्रदान किये जायेंगे। इस यंत्र से कतार से कतार बुवाई पद्धति में बढ़ावा मिलेगा साथ ही अंतरवर्तीय फसलों का क्षेत्र विस्‍तार भी हो सकेगा। इस यंत्र की विशेषता यह है कि ज्‍वार, बाजरा, कोदो, रागी, मक्‍का, चना, गेहुं और अरहर की बुवाई के लिए अत्‍यंत उपयुक्‍त साबित होगा। इस यंत्र का बाजार मूल्‍य लगभग 22 हजार रुपये है। यह नवाचार के 10 किसानों के साथ प्रारंभ किया जायेगा। बैठक में कृषि उपसंचालक राजेश कुमार खोब्रागढ़े, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक आर एल राउत, पशु पालन उपसंचालक डॉ. प्रदीप अतुलकर, डीआईसी महाप्रबंधक अशोक मेश्राम, अभियांत्रिकी विभाग के केआर कुलस्‍ते सहित सभी एसडीओ और आत्‍मा परियोजना के सहायक संचालक एसके सोने उपस्थित रहे।किसान भ्रमण कार्यक्रमों में किसानों का चयन क्‍लस्‍टर बेस्‍ड होगाबैठक के दौरान आत्‍मा परियोजना के संचालक डोंगरे द्वारा राज्‍य के भीतर और राज्‍य के बाहर किसानों के प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्‍तुत की गई। किसानों के प्रशिक्षण को लेकर डॉ मिश्रा ने कहा कि विशेष क्रॉप और क्‍लस्‍टर के आधार पर किसानों का चयन कर प्रशिक्षण देना प्रारंभ करे। वही जिन किसानों ने पूर्व मे प्रशिक्षण प्राप्‍त किया है और उन्‍हे लाभ हो रहा है ऐसे किसानों को भी कार्यक्रम में बुलाकर अन्‍य किसानों के साथ मिलन कराये। कलेक्‍टर डॉ. मिश्रा ने ज्‍वार, बाजरा, रागी या अन्‍य उन्‍नत किश्‍मों के प्रदर्शन के संबंध में निर्देश दिये कि प्रदर्शन से पूर्व चयनित किसानों का बेहतर तरीके से ओरिएंटेशन कराये इसके बाद प्रदर्शन लागू करे।किसानों ने साझा किये अनुभवआत्‍मा गवर्निंग बोर्ड आफ कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान किसानो ने भी अपने अनुभव साझा किये। चिचरंगपुर के रविशंकर मेरावी ने कहा कि पिछले भ्रमण प्रशिक्षण मे उन्‍होंने मिलेट्स की तकनीक उत्‍पादन, प्रोसेसिंग उत्‍पादन के अलावा उनसे बनने वाले प्रोडक्‍ट की जानकारी मिलने के बाद स्‍थानीय स्‍तर पर अच्‍छे प्रयास किये है।