पानी की कमी के दृष्टिगत चना, मसूर, सरसों की बुवाई प्राथमिकता के आधार पर करें कृषक
गुना l उप संचालक ने किसान कल्याण तथा कृषि विकास बताया द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार भारत सरकार,उपभोक्ता मामले विभाग कृषि भवन के चना अभियान को सफल बनाने हेतु गुना जिले के किसान भाईयो से अपील की गयी है कि चने का सेवन स्वास्थ्य के लिये अत्यंत लाभदायक होता है, चना प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है, इसमें स्वास्थ्य को बेहतर बनाने वाले पोष्टिक आहरीय गुण, प्रोटीन, फायबर एवं आवश्यक खनिज भरपूर मात्रा में पाये जाते है। देश में चना का उत्पादन 135 लाख मे.टन है तथा खपत 102 लाख मे.टन है। चना में 33 लाख मे.टन उत्पादन और खपत में अंतर देखने को मिलता है। इसे देखते हुये अरहर, उड़द और मसूर का सेवन करने वाली जनसंख्या को चना दाल का सेवन किया जावे, इससे चना की खपत भी बढ़ेगी और भारत दालों की पूर्ति के लिये दूसरे देश पर निर्भर न होकर आत्म निर्भर बन पायेगा। साथ ही चने के उत्पादन और खपत के बीच की गहरी खाई भर सकेगी।
गुना जिले में औसत वर्षा से कम वर्षा एवं सिंचाई हेतु पानी की कमी को दृष्टिगत रखते हुये किसान भाई कम पानी चाहने वाली फसलों चना, मसूर, सरसों को प्राथमिकता के आधार पर बुबाई करें। जिससे किसान भाई कम पानी की उपलब्धता में भी अधिक लाभ प्राप्त कर सके।