पौध संरक्षण रसायनों के उपयोग में आवश्यक सावधानियां हों – उपसंचालक कृषि

जबलपुर l उपसंचालक कृषि ने कहा कि पौध संरक्षण रसायन जैसे खरपतवारनाशक, कीटनाशक, फफूंदनाशक रसायन जिनका उपयोग जीवित जन्तुओं को नियंत्रण करने के लिये किया जाता है। एकीकृत कीट प्रबंधन के लिये कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग कर कीट नियंत्रण विधियों को सम्मलित कर ऐसा प्रयास करें कि अधिकतम फसलोत्पादन प्राप्त किया जा सकें। कभी-कभी कीटनाशकों के प्रयोग से कीटों की संख्या में अत्याधिक वृद्धि हो जाती है। अचयनित कीटनाशकों के प्रयोग से कीड़ों के साथ-साथ उनके प्राकृतिक शत्रु भी नष्ट हो जाते है। प्राकृतिक शत्रुओं की कमी से कभी-कभी गौण कीट की भी अत्याधिक संख्या में वृद्धि हो जाती है। उन्होंने कहा कि पौध सरक्षण दवाओं के चयन के साथ-साथ उपयोग करते समय भी अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए। कीटनाशकों की विषक्तता डिब्बे एवं बोरियों के उपर बने रंगों के त्रिकोण को देख कर पहचानी जा सकती है। लाल रंग का त्रिकोण अत्यंत विषैले, पीले रंग का त्रिकोण अत्याधिक विषैला, पीले से नीले रंग का त्रिकोण सामान्य रूप से विषैला होता है तथा हरे रंग का त्रिकोण कम विषैला है। हरा त्रिकोण वाले रसायन मनुष्यों एवं अन्य जीव जन्तुओं के लिए कम जहरीला होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी कम प्रदूषित करते है। इसलिए सबसे पहले हरे रंग के त्रिकोण वाली रसायनों का उपयोग करें। लाल त्रिकोण वाली दवाओं का उपयोग अत्यंत आवश्यकता होने पर कृषि विभाग के मैदानी कार्यकर्ता की सलाह पर करें। बार-बार एक ही प्रकार के रसायनों के उपयोग के कीटों में इन रसायनों के प्रति-प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो रही है। कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधी कीटों के अब तक हजारों उदाहरण उल्लेखित है। जैसे धान का कीट जैसे फुदका ने पिछले 20 वर्षों में इमिडाक्लोप्रिड के प्रति 800 गुना प्रतिरोधक क्षमता विकसित की है। घरेलू मक्खियों ने मेलाथियान के प्रति 2000 गुना प्रतिरोधी क्षमता विकसित की है। कम जीवन अवधि वाले कीट (फुदका, एफिडस) कीटनाशक रसायनों के प्रति अधिक तेजी से प्रतिरोधी क्षमता का विकास करते हैं कीटनाशकों के प्रतिरोधी क्षमता के विकास से बचने के लिए कीटनाशक रसायनों को बदल-बदल कर उपयोग करना चाहिए। इसके लिये उन्होंने कुछ सावधानियां भी दी जो इस प्रकार है कि खुले हाथों से जहरीले रसायनों को न छुये एवं बीमारी की अवस्था में रसायनों का प्रयोग न करें। शराब का सेवन कर कीट नाशकों का छिड़काव न करें। कीटनाशकों का प्रयोग करते समय बीड़ी, सिगरेट तथा तम्बाकू का सेवन न करें। शेष बचा हुआ जहरीले रसायनों को कुंयें, नहर या नदी में अथवा उनके आसपास न फेंके बल्कि इन्हें दूर गड्डा कर भूमि में गड़ा दें। घर में परिवार के सभी सदस्यों को इस जहरीले रसायन के विषाक्तता के विषय में जानकारी अवश्य दें ताकि दुर्घटना से बचा जा सकें। जहरीले रसायनों को ताले में बन्द करके सुरक्षित जगहों में रखना चाहिए ताकि छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रहें। रसायनों का छिड़काव अथवा भुरकाव के बाद साबुन लगाकर अच्छे से नहायें एवं उपयोग किये कपडों को धोने के बाद ही उपयोग करे। कीटनाशकों के उपयोग के समय विपरीत स्थिति निर्मित होने पर तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेवें।