जबलपुर l कृषि उत्पादन आयुक्त (ए.पी.सी.) की अध्यक्षता में जबलपुर संभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन 18 मई 2024 को जबलपुर में किया गया है, जिसमें रबी 2023-
24 की समीक्षा और खरीफ 2024 के कार्यक्रम का निर्धारण किया जाएगा। यह बैठक विभागवार दो सत्रों में आयोजित की गई है, जिसमें सुबह 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक कृषि और सहकारिता विभाग एवं संबध्द संस्थाओं की समीक्षा की जायेगी, जबकि दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग तथा संबध्द संस्थाओं की समीक्षा की जायेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने एपीसी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक की तैयारी के संबंध में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिले के कृषि एवं कृषि संबध्द सभी विभागों की अद्यतन जानकारी के साथ समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने विभागवार रबी 2023-24 की लक्ष्य पूर्ति और 2024-25 के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना और नवाचारों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि संभागीय बैठक के लिए तैयार किए जा रहे प्रेजेंटेशन में लौंग, कालीमिर्च, इलायची, जायफल, लीची आदि की खेती के जिले में किए जा रहे नवाचार सहित सभी विभाग अपने-अपने अन्य नवाचारों को भी अनिवार्य रूप से शामिल करें। साथ
ही सभी अधिकारियों को तय तिथि एवं समय पर अपने विभागीय वार्षिक लक्ष्य, उपलब्धियां एवं विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति विवरण और रबी 2023-24 की प्रगति एवं खरीफ 2024 की तैयारी की जानकारी सहित जबलपुर में आयोजित बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। उन्होंने अन्य नवाचारों की संभावना के संबंध में कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव भी लिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री पार्थ जैसवाल, कृषि वैज्ञानिक, उप संचालक कृषि, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, महाप्रबंधक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, उपायुक्त सहकारिता, जिला आपूर्ति अधिकारी, उप संचालक उद्यानिकी, वेयर हाउस, नागरिक आपूर्ति निगम सहित कृषि संबंधित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
      बैठक में उन्होंने मृदा परीक्षण ऐप में आ रही समस्याओं के निराकरण के संबंध में सुझाव देने, नरवाई के बेहतर प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर, सुपर सीडर के उपयोग और ग्रीष्म कालीन
मूंग की खेती के संबंध में लोगों में जागरूकता लाने, रसायनों के बढ़ते उपयोग को रोकने और जैविक खेती को बढ़ावा देने क लिए ग्रामों में बने शत-प्रतिशत नाडेप टांकों को भरने की वैज्ञानिक पध्दति के संबंध में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने, ग्रीष्म कालीन स्वीट कॉर्न के नवाचार का एरिया बढ़ाने, नरवाई प्रबंधन के लिए जिले में उपलब्ध कृषि यंत्रों की संख्या बढ़ाने, प्राकृतिक खेती और मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने, नवीन दुग्ध समितियों का गठन और उनकी स्थिति में सुधार करने, मत्स्य पालन में तालाबों की संख्या बढ़ाने आदि अन्य महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उपार्जन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने सभी उपार्जन केंद्रों में बारदानों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और उपार्जित फसल का शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अभी तक गेंहू में 4304.15 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। मई माह में खाद्यान्न उठाव की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने अमरवाड़ा और छिंदवाड़ा में अच्छे कार्य की सराहना की, शेष ब्लॉक्स को भी स्थिति सुधारने के निर्देश दिए।