किसानो की फसल का विक्रय मूल्य नहीं देने वाले आरोपीगण को 5-5 वर्ष के कारावास एवं कुल 3,20,000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया

बड़वानी / विषेष न्यायाधीष (एट्रोसिटीज एक्ट) बड़वानी श्री रईस खान ने पारित अपने फैसले मे आरोपीगण द्वारा बेईमानीपर्वूक छल कर धोखे से किसानो से फसल प्राप्त कर फसल के विक्रय मूल्य का भुगतान नही करने के आरोप मे आरोपीगण प्रिंस पिता विरेन्द्र चोपडा एवं विरेन्द्र पिता हिरालाल चोपडा निवासी ग्राम मण्डवाडा, तहसील अंजड़ जिला बड़वानी को धारा 420, 120बी (32 काउंट) भादवि में 5-5 वर्ष का कठोर कारावास प्रत्येक काउंट में प्रत्येक आरोपी को 5-5 हजार रूपये जुर्माने से इस प्रकार अभियुक्तगण को कुल 3,20,000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बडवानी सुश्री कीर्ति चौहान द्वारा की गई। अभियोजन मीडिया प्रभारी सुश्री कीर्ति चौहान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बड़वानी ने बताया कि घटना 22 दिसम्बर 2021 को ग्राम मण्डवाडा का विरेन्द्र व उसका लड़का प्रिंस प्रातः 9 बजे फरियादी मोहन के घर पर आये और फरियादी से कहने लगे कि तुमने जो खेत में मक्का व चने की फसल लगायी थी, वह मक्का व चने की फसल मण्डी में न बेचते हुए हमें बेचोंगे तो तुम्हे अच्छा दाम देंगे और दोनों कहने लगे कि तुम फसल लाने ले जाने के भाडे से भी बच जाओंगे । मक्का की फसल का 1500 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से एवं डालर चने के 7500 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से रूपये देगा, आप अपनी मक्का व चने हमारी दुकान पर लेकर आ जाओ । वहीं पर तौल कर रूपये दे दुगा, फिर फरियादी उक्त दिनांक को ही उसके ट्रेक्टर में मक्का व चना भरकर विरेन्द्र व प्रिंस की कोयडिया रोड मंडवाडा स्थित दुकान पर गया। जहां पर विरेन्द्र व प्रिंस ने उसकी मक्का 20 क्विटंल 59 किलो 1500 रूपये के भाव की कुल 30,885 रूपये एवं 11 क्विंटल 99 किलो 1550 रूपये के भाव की कुल 18,584 रूपये तथा डालर चना 2 क्विंटल 97 किलो 7500 रूपये के भाव के 22,275 रूपये के दिये थे, इस प्रकार कुल 71, 744 रूपये की फसल दी थी, जिसमें से उसे विरेंद्र व प्रिंस ने 1744 रूपये दिये, शेष 70,000 रूपये 3-4 दिन में देने को कहा और उसे उनके हाथ से लिखित उसकी उक्त बेची फसल के हिसाब की चिट्ठी लिखकर दी। फरियादी को बाद में पता चला कि विरेंद्र व प्रिंस ने गांव के नेहरू पिता भग्गु, भारत, मनोहर, घमण्डीलाल, मोहन भीलाल, तुलसीराम, जयराम, हिरालाल, शांतिलाल, राधेश्याम, जियालाल, कैलश, रामनारायण, विक्रम, गलसिंह, पवन, जियालाल, अनारसिंह, शंकर, महेंद्र, रामरतन, जितेंद्र, कान्हा, लक्ष्मण, पन्नालाल, गजानंद, अनिल, औंकार, मकंुद, अशोक, धननालाल, अमरिश, राजेश, राधेश्याम, रामलाल, आकाश, मांगीलाल, दयाराम, गंगाराम, मोतीलाल, मंगीलाल, बबलू, मुकेश, राधेश्याम पिता सीताराम, श्रीराम, रामू, चन्दरसिंह, पप्पू, विक्रम, गंगाराम, मुकेश, रमेश, महेश, अंकित, मुकेश, विनोद, बाबू, कुंदन, लोणिया की भी फसल खरीदी है और उनको भी तीन-चार दिन में रूपये देने का विश्वास दिया था। परंतु विरेंद्र व प्रिंस ने उक्त किसानो को भी रूपये नहीं दिये । जब किसान लोग प्रिंस के घर अपनी फसल के रूपये लेने गये तो पता चला कि प्रिंस घर छोडकर चला गया था तथा उसके पिता जी विरेन्द्र किसानों से कहते थे कि अब फसल के रूप्ये लेने यहां मत आना, इस प्रकार अभियुक्तगण ने बईमानी से किसानों से फसल खरीदकर उनकी फसल के पैसे न देकर किसानों के साथ धोखधडी कर छल कारित किया था। फरियादी मोहन की रिपोर्ट पर से थाना अंजड पर अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध कमांक 38/2022 अंतर्गत धारा 420, 294, 506, 34 भा.द.वि. व धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) एस.सी/एस.टी. एक्ट का पंजीबद्ध कर प्रकरण में अन्वेषण थाना प्रभारी निरीक्षक सोनू सिटोले द्वारा किया गया था।