दमोह l इफको बायो-डीकंपोजर लाभकारी सूक्ष्म जीवों के एक समूह से बना हैजो फसल के अवशेषोंजानवरों के अपशिष्टगोबर और अन्य कचरे को तेजी से जैविक खाद में परिवर्तित करता है। इफको बायो डीकंपोजर कृषि अपशिष्ट और फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक सस्ती और प्रभावी तकनीक है। इफको बायो डीकंपोजर की एक बोतल से एक साल में एक लाख मीट्रिक टन से अधिक जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता है।

            इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेश द्विवेदी ने बताया इफको बायो-डीकंपोजर पशु अपशिष्टगोबर और अन्य कचरे को जैविक खाद में बदलने में उपयोगी होता है। यह बीजोपचार द्वारा बीज जनित रोगज़नक़ों से होने वाली विभिन्न बीमारियों की रोकथाम में उपयोगी है। इसका पत्तों पर छिड़काव करके विभिन्न कीटों और बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। ड्रिप सिंचाई के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। इफको बायो-डीकंपोजर का उपयोग करके उत्पादन लागत कम होने से शुद्ध आय बढ़ाई जा सकती है।

विधि

            750 ग्राम गुड़ लें और उसमें 25 लीटर पानी मिलाएं, गुड़ को अच्छी तरह उबाल लें और छलनी से सारी गंदगी निकाल लें, गुड़ के घोल को एक गहरी चौकोर ट्रे या फ्लैट टब में ठंडा करें, 250 ग्राम बेसन डालकर मिला दीजिये, घोल में एक बोतल की सामग्री मिलाएं, पतले कपड़े से ढक्कर गर्म स्थान पर रखें, बीच-बीच में हिलाते रहें। दो दिनों में विकास शुरू हो जाएगा, विभिन्न रंगों की एक चटाई बढ़ने लगती है, कवक को 7-10 दिनों तक बढ़ने दें। यदि खेत में छिड़काव कर रहे हैं तो 125 लीटर पानी में मिलाकर खेत पर समान रूप से छिड़काव करें।

            कम्पोस्ट बनाने के लिए 125 लीटर मिश्रण और FYM बनाने के लिए 1 से 1.5 टन अपशिष्ट पदार्थ मिलाएं,

फसल अवशेषों को बायो-डीकंपोजर घोल से खाद बनाने की विधि

            कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों पर 20 लीटर प्रति एकड़ की दर से बायो डीकंपोजर घोल का छिड़काव करें और खेत की सिंचाई करें। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में खेत में बचे फसल अवशेषों पर 200 लीटर प्रति एकड़ की दर से बायो-डीकंपोजर घोल का छिड़काव करें और जब खेत की सिंचाई हो जाती है उसके बाद सड़न की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कुछ समय बाद पूरा फसल अवशेष जैविक खाद में परिवर्तित हो जाता है।

बायो-डीकंपोजर घोल से जैविक खाद बनाने की विधि

            कृषि अपशिष्ट, गोबर, रसोई अपशिष्ट आदि के एक टन ढेर के लिए जमीन पर 18-20 सेमी मोटी परत बनाएं, ढेर पर बायो-डीकंपोजर घोल का छिड़काव करें। इस परत पर उसी मोटाई की कचरे की एक और परत बिछा दें और उस पर दोबारा बायो-डीकंपोजर के घोल का छिड़काव करें। इस प्रक्रिया को 3 से 4 बार दोहराएं और एक बार फिर ऊपरी परत पर बायो-डीकंपोजर के घोल का छिड़काव करें। अच्छी खाद पाने के लिए ढेर को 7 दिन के अंतराल पर उल्टा करते रहें।

खाद बनाते समय 60-65 प्रतिशत नमी की मात्रा बनाए रखें। यदि आवश्यक हो तो इस ढेर में बायो-डीकंपोजर घोल मिलाया जा सकता है। उपरोक्त विधि से 30 से 40 दिन में गुणवत्तापूर्ण जैविक खाद उपयोग हेतु तैयार हो जायेगी।