रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने  में दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का एलान किया है। अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2000 रुपये के नोट बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा कराने या अन्य छोटे मूल्य के नोट में नकद भुगतान किए जाने का आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि हाल में केंद्र ने यह घोषणा की थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड तथा बैंक खाता होना चाहिए। फिर क्यों आरबीआई बिना पहचान पत्र के 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दे रहा है। यह बताना भी जरूरी है कि गरीबी रेखा से नीचे 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। अश्विनी ने कहा कि हम आरबीआई तथा एसबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हैं कि 2,000 रुपये के नोट केवल बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं।