परासिया विकासखंड की तहसील उमरेठ के ग्राम गाजनडोह के निवासी  श्री विष्णु पिता पंडरी पवार एक साधारण किसान थे। वे परंपरागत रूप से मक्का, गेहूँ, चना और अन्य साग-भाजी की खेती सीमित क्षेत्र में किया करते थे। लेकिन पारंपरिक खेती से उन्हें बमुश्किल 15-20 हजार रुपये प्रति एकड़ शुद्ध आय प्राप्त हो पाती थी। इतनी कम आमदनी में पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना कठिन हो गया था।
बदलाव की शुरुआत- साल 2009-10 में विष्णु पवार ने उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत "ड्रिप इरीगेशन योजना" की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अपने खेत में इस आधुनिक सिंचाई प्रणाली को अपनाया और विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती शुरू की। इससे उनके खेत की उत्पादन क्षमता बढ़ी, लेकिन पारिवारिक समस्याएँ फिर भी बनी रहीं।
आलू की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से जुड़ा नया अध्याय- वर्ष 2011-12 में "पेप्सिको कंपनी" के अधिकारियों से संपर्क हुआ। उन्होंने कंपनी की ATL, FC3 और अन्य आलू की किस्मों की खेती शुरू की। इस साल उन्होंने स्वीटकॉर्न की फसल लेने के बाद अक्टूबर 2024 में FC3 आलू किस्म का रोपण किया। उन्होंने 35 एकड़ जमीन में आलू की फसल लगाई और आधुनिक सिंचाई प्रणाली जैसे ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर का उपयोग किया।
मेहनत का फल- इस साल मौसम अनुकूल था, जिससे कृषक श्री विष्णु को बेहतरीन उपज प्राप्त हुई। आधुनिक सिंचाई प्रणाली की मदद से उन्होंने प्रति एकड़ 1.5 टन उत्पादन प्राप्त किया। कुल उत्पादन 2,72,500 किलोग्राम रहा, जिसे उन्होंने पेप्सिको कंपनी को 19 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा।
आर्थिक उन्नति- फसल में खाद, बीज, जुताई और अन्य उर्वरकों की लागत घटाने के बाद इस वर्ष 27,12,500 रूपये की शुध्द आय प्राप्त हुई है। प्रति एकड़ शुध्द आय 77,500 रूपये आई, जो परंपरागत खेती से बहुत अधिक है।
सपनों को नया रूप- इस आय से विष्णु जी ने खेती में उपयोग आने वाले आधुनिक उपकरण जैसे रोटावेटर, सीड-ड्रिल और अन्य संयंत्रों को खरीदा। अब वे सफलता पूर्वक खेती कर रहे हैं और नवीन कृषि यंत्रों के उपयोग से उत्तम फसल उत्पादन से अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इस सफलता से उनके घर में खुशी का माहौल है और वे अपने परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियों को सुचारु रूप से निभा पा रहे हैं।