कृषकों का चिया की खेती की ओर रूख
देवास l किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में नवाचार घटक अंतर्गत चिया बीज (हिन्दी में नाम सब्जा या तुकमरिया) का वितरण जिले के 06 विकासखण्डों के 110 कृषकों को किया गया। जिसके अंतर्गत जिले में कुल 45 हेक्टर में चिया की फसल लगाई गई है। परियोजना संचालक ‘‘आत्मा’’ देवास द्वारा रबी में किसान की गेंहू और चने की फसल पर निर्भरता को कम करने के लिए चिया की खेती करने का सुझाव दिया गया। बुवाई हेतु चिया बीज की मात्रा 01 से 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ रखी जाती है एवं चिया की फसल 120-130 दिनों में परिपक्व होकर 3-4 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन देती है। जिसका बाजार मूल्य लगभग 15-20 हजार रूपये प्रति क्विंटल या उससे ज्यादा होता है। चिया फसल कम सिंचाई में हो जाती है, एवं कीटों का प्रकोप भी कम होता है। जिससे किसानों को गेंहू और चने की फसल की अपेक्षा कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा।
चिया में औषधीय गुण प्रोटिन, वसा, खनीज लवण एवं विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसके सेवन से मांस-पेशीया, मस्तिश्क कोशिकाये और तंत्रिकातंत्र मजबूत होता है। इसके साथ-साथ ओमेगो 3 व ओमेगो 6, फेटी एसीड, पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह मधुमेह को कम करने में भी सहायक माना जाता है।