बड़तूमा, सागर में संत शिरोमणि श्री रविदास जी महाराज के मंदिर निर्माण कार्य के भूमिपूजन कार्यक्रम में सहभागी बनने पर देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु-संतों और धार्मिक गुरुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

राजस्थान के भरतपुर के ग्राम पिपरऊ स्थित सीताराम बग़ीची मंदिर के महंत परमानंद जी महाराज ने बताया कि जब उन्हें इस कार्यक्रम की जानकारी लगी तो वे अपने जत्थे के साथ सागर के लिए निकल पड़े। यह एक गौरवशाली क्षण है। संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के समरसता के विचार एवं संदेश को लोगों तक पहुँचाने की यह एक अच्छी पहल है। इस तरह के धार्मिक कार्यों के माध्यम से समाज को एक करने का काम किया जा रहा है। यहाँ आकर बहुत आनंद से सभी धर्म समुदाय के लोगों से मिलाप हो रहा है।

राजस्थान के ही मेहदीपुर बालाजी के पास चाटकी बालाजी मंदिर के महंत श्री दिनेशदास त्यागी कहते हैं कि राजस्थान से यहाँ आकर मन प्रफुल्लित हो गया है। संत शिरोमणि श्री रविदास जी महाराज के भजनों एवं काव्य पाठ ने समाज को प्रगति की ओर अग्रसर किया है। समाज में उन्होंने कुरीतियों को समाप्त करने के लिए मानवता का संदेश दिया। उनके इन्हीं विचारों को आत्मसात कर भारत पुनः विश्व गुरु बनने की तरफ़ बढ़ रहा है। भारत अपनी "वसुधैव कुटुम्बकम्'' की संस्कृति को फलीभूत कर रहा है।

सागर के संत रविदास जी महाराज मंदिर के पुजारी श्री खुमान कहते हैं कि सरकार द्वारा मंदिर बनाने का निर्णय प्रशंसनीय है। मंदिर बनने से संत रविदास जी के अनुयायियों का देश के कोने-कोने से यहाँ आना होगा। यह हमारी गौरवमयी संस्कृति, अनेकता में एकता की पहचान को संपूर्ण विश्व पटल पर लेकर आएगा। धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक रूप से क्षेत्र का विकास होगा। प्रदेश सरकार के मंदिर निर्माण के निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगतिरत है।

तुलसी वन आश्रम वृंदावन से आए पुजारी श्री त्रिलोकी दास ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मंदिर हमारी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता को अक्षुण्ण बनाये रखेगा। आज प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यहाँ आकर मंदिर का भूमिपूजन किया है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।