अनूपपुर बना टमाटर उत्पादन का हब, 15,500 किसानों को मिला नया आय स्रोत

अनूपपुर कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली के निर्देशन एवं सहायक संचालक उद्यानिकी श्री सुभाष चंद्र श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में अनूपपुर जिले में टमाटर उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023-24 में जिले में कुल 5408 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती कर 140608 मैट्रिक टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, जिसकी औसत उत्पादकता 260 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही है।
उद्यानिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के तीन प्रमुख क्लस्टर जैतहरी, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ में टमाटर की खेती व्यापक रूप से की जा रही है, जिससे लगभग 15,500 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। जिले में हाइब्रिड एवं स्थानीय किस्मों की खेती की जा रही है। सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान बीज पर एवं 50 प्रतिशत अनुदान ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति प्रदान किया जा रहा है, जिससे किसानों को लागत कम और उत्पादन बेहतर हो रहा है। यह उल्लेखनीय है कि पचमढ़ी की तर्ज पर अनूपपुर जिले में टमाटर की खेती संभव हो सकी है, जो कृषि तकनीक एवं प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।
सहायक संचालक उद्यान ने बताया कि अनूपपुर जिले का टमाटर मध्यप्रदेश के शहडोल, रीवा, सतना सहित छत्तीसगढ़ (रायपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर) और महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों तक निर्यात किया जा रहा है, जिससे किसानों को बाजार की उपलब्धता के साथ-साथ बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है। किसानों की आय वृद्धि के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर विपणन सुविधा भी उद्यानिकी विभाग द्वारा विकसित की जा रही है, जिससे किसानों को अपनी उपज विक्रय करने में सुगमता हो रही है। एक हेक्टेयर में टमाटर की खेती पर 50 से 60 हजार रुपए की लागत आती है, जबकि किसानों को 1.50 से 2 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त हो रहा है। प्रति एकड़ के हिसाब से यह मुनाफा 1 लाख रुपए तक पहुंच रहा है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है। विगत तीन वर्षों में जिले में 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उद्यानिकी फसलों का विस्तार हुआ है। टमाटर के साथ-साथ प्याज एवं नाशपाती की खेती में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह सफलता अन्नदाता किसानों की मेहनत, प्रशासनिक समर्पण तथा शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रतिफल है, जो आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में एक सशक्त कदम है।