छिंदवाड़ा कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह द्वारा आज कलेक्टर कार्यालय के मिनी सभाकक्ष में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं सहकारिता विभाग की विस्तृत समीक्षा की गई। उप संचालक कृषि द्वारा विस्तार से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई।

       उर्वरक वितरण की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जिला विपणन अधिकारी को निर्देश दिए गए कि तत्काल हर्रई एवं जुन्नारदेव उर्वरक वितरण के केन्द्र प्रारंभ कराए, जिससे किसानों को असुविधा न हो, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही उर्वरक उपलब्ध हो सके। साथ ही जिला विपणन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी मार्कफेड गोदाम (नगद उर्वरक वितरण केन्द्र) में किसानों के लिये समुचित छाया, पानी की व्यवस्था कराते हुए वितरण सुनिश्चित कराये। महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक मर्यादित छिंदवाडा को निर्देशित किया गया कि सभी सहकारी समितियों में उर्वरकों का भंडारण सुनिश्चित कराते हुए नियमानुसार वितरण कराये एवं लगातार मॉनिटरिंग करें ताकि समितियों में उर्वरकों की कमी न हो। कृषि विभाग के सभी अनुविभागीय कृषि अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि अपने क्षेत्र की सहकारी समितियों, मार्कफेड गोदामों एवं निजी विक्रेताओं के यहॉ लगातार मॉनिटरिंग कर यह सुनिश्चित कराये कि निर्धारित दर पर ही उर्वरकों का वितरण हो एवं किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न हो। 

     जिले में नरवाई प्रबंधन (नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम योजना) अंतर्गत जिले में सुपर सीडर, हैप्पी सीडर के माध्यम से इस वर्ष मक्का फसल के बाद गेहॅू, चना, सरसो की जीरोटिलेज तकनीक से फसल अवशेष प्रबंधन करते हुए सीधे बोनी से किसानों को कम लागत, कम समय एवं कम पानी में अच्छी उत्पादकता प्राप्त की जा रही हैं। सहायक कृषि यंत्री ने बताया कि जिले में 104 किसानों ने सुपर सीडर/हैप्पी सीडर के आवेदन करके 50 सुपर सीडर क्रय कर इस मशीन द्वारा तेजी से बुआई की जा रही हैं। जिले में लगभग 1000 एकड में सुपर सीडर द्वारा बोनी की गई हैं। ग्राम चांद के किसान श्री प्रवेश रघुवंशी द्वारा लगातार तीन वर्ष से सुपर सीडर द्वारा जीरोटिलेज तकनीक से फसल अवशेष प्रबंधन की सफलता की कहानी भी बताई गई। श्री प्रवेश रघुवंशी ने बताया कि मक्का फसल के बाद गेहॅू, चना एवं सरसो फसलों में इस तकनीक के उपयोग से कम लागत, कम पानी, कम समय में मिट्टी का स्वास्थ्य सुधार करते हुए बिना नरवाई जलाये अच्छी उपज प्राप्त की जा रही हैं।

     उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस. पक्षवार द्वारा विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा आचार्य विद्यासागर योजना के लक्ष्य पूर्ण करने तथा नवाचार के रूप में बटेर पालन के निर्देश दिए गए। सेक्स शाटेट सीमन के द्वारा अधिक से अधिक एआईए के निर्देश भी दिए गए।

     उप संचालक उद्यानिकी विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा किये गए लौंग, इलायची, तेजपत्ता, काली मिर्च के नवाचार को कृषि उत्पादन आयुक्त की बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।  सहायक संचालक मत्स्य पालन कों उपयुक्त तालाबों में मोती पालन का नवाचार करने के निर्देश दिए गए। जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा धान एवं सोयाबीन उपार्जन की जानकारी दी गई।

      बैठक में उप संचालक कृषि श्री सिंह, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार, उप संचालक उद्यानिकी श्री एम.एल.उईके, उपायुक्त सहकारिता श्री जी.एस.डेहरिया, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री ए.के.जैन, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री अजीत कुमार कुजूर, जिला विपणन अधिकारी श्रीमती शिखा सरेयाम, जिला प्रबंधक वेयर हाउसिंग श्रीमती मंजू चौरे, कृषि विज्ञान केन्द्र चंदनगांव एवं देलाखारी के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.डी.सी.श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक नाबार्ड श्रीमती श्वेता सिंह, सहायक  कृषि यंत्री, बीज प्रमाणीकरण अधिकारी, मंडी सचिव, सहायक संचालक कृषि श्री दीपक चौरसिया सहित सभी अनुविभागीय कृषि अधिकारी उपस्थित थे।