इटारसी l दयाल मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इटारसी के एक हालिया मामले पर वरिष्ठ नागरिक एवं विहिप के प्रांतीय पदाधिकारी सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल सोनी ने सवाल उठाया है कि “अगर डॉक्टर सर्जरी में दक्ष थे, तो नीरज की मौत क्यों हुई ?” उनका यह सवाल वाजिब भी है l यह सवाल सिर्फ किसी एक अस्पताल या डॉक्टर का नहीं है बल्कि पूरे सिस्टम में जवाबदेही और पारदर्शिता का है। वे कोई निष्कर्ष नहीं दे रहे — बस जांच चाहते हैं। उनका यह सवाल किसी व्यक्ति या संस्था को दोषी ठहराने के लिए नहीं है 
बल्कि एक स्वतंत्र जांच की मांग के समर्थन में है l 

दयाल मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल इटारसी के डाँ अचलेश्वर दयाल (एम०बीबी०एस, एम०एस० (सर्जरी) डी०एन०बी) की उपाधि धारक है, उसके बाद भी 7 जुलाई उनके अस्पताल में भर्ती नीरज राजपूत का नसों की सर्जरी फेल हुई और नीरज असमय मृत्यु को प्राप्त हुआ। यक्ष प्रश्न है- क्या उनके पास की डिग्री में कोई गोलमाल है ?

अगर उन्हे सर्जन का सही ज्ञान होता तो क्या नीरज की मौत होती। जाँच का विषय है। जब दमोह के डॉक्टर के एम जान जैसे फर्जी डॉक्टर पकड़ में आ रहे हैं तो ऐसे में मन में सवाल पैदा होना स्वाभाविक है l हालांकि जटिल प्रक्रियाओं में चिकित्सक से भी चूक हो सकती है l लेकिन जब मन में संदेह पैदा हो गया है तो डिग्रियों की जांच करने में हर्ज ही क्या है..?