ग्वालियर l मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ग्वालियर नगर निगम में पशु चिकित्सक को स्वास्थ्य अधिकारी बनाए जाने के मामले में शासन को कड़ी फटकार लगाई है l कोर्ट ने ग्वालियर की जनता को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि “ग्वालियर की जनता को जानवर समझ लिया है, जो एक पशु चिकित्सक को स्वास्थ्य अधिकारी बना दिया गया l यह बयान उस समय सामने आया जब पशु चिकित्सा के पेशेवर डॉ. अनुज शर्मा को ग्वालियर नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था l नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी के पद के लिए एमबीबीएस डिग्री अनिवार्य है और एक पशु चिकित्सक का मानव स्वास्थ्य से संबंधित कार्यों के लिए नियुक्ति नियमों का उल्लंघन है lन्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य अधिकारी के पद के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार के पास मानव चिकित्सा (एमबीबीएस) की डिग्री हो, न कि पशु चिकित्सा (वेटरनरी मेडिसिन) की डिग्री l इसके साथ ही कोर्ट ने इस नियुक्ति को मध्य प्रदेश शासन के लिए एक गंभीर गलती बताया और शासन से जवाब मांगते हुए मामले की गहन जांच की आवश्यकता जताई l लोगों का कहना है कि लापरवाही की भी हद होती है यदि अधिकारियों का बस चले तो वह जानवरों के डॉक्टर से इंसानों का भी इलाज करवा दें l