ड्रोन से नरवाई प्रबंधन का नवाचार

जबलपुर l कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में एवं कृषि विभाग के माध्यम से ग्राम बीकानेर में कृषक श्री सत्येंद्र साहू के यहां पर ड्रोन के माध्यम से डीकंपोजर बायोडायवटर जवाहर तरल जब जैव विघटक-एक का छिड़काव प्रबंधन के लिए किया गया। इस डी-कंपोजर को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा मनाया गया है। इस दौरान कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी ने बताया कि नरवाई जलाने की कुप्रथा एक मुख्य समस्या है जो वातावरण के साथ-साथ में मृदा के स्वास्थ्य को भी खराब कर रही है। मिट्टी के सूक्ष्मजीव खत्म हो रहे हैं और उर्वरा शक्ति काम हो रही है। अत: ड्रोन के माध्यम से नरवाई प्रबंधन एक बेहतर विकल्प है। ड्रोन के द्वारा डी कंपोजर के माध्यम से नरवाई प्रबंधन करने में एक एकड़ में सिर्फ 5 से 7 मिनट का समय ही लगेगा एवं 15 से 20 दिनों में नरवाई खाद के रूप में परिवर्तित हो जाएगी। जिससे मिट्टी में कार्बन प्रतिशत, सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि होगी मिट्टी की कठोरता कम होगी, जिससे उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा उत्पादन भी बढ़ेगा।