जबलपुर l कृषि उत्‍पादन आयुक्‍त श्री मोहम्‍मद सुलेमान की अध्‍यक्षता में आज संभागीय कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय आधारताल में ड्रोन तकनीशियन प्रशि‍क्षण का शुभारंभ हुआ। इस दौरान एसीएस श्री अशोक वर्णवाल, कमिश्‍नर श्री अभय वर्मा, संचालक कृषि श्री अजय गुप्‍ता, कलेक्‍टर श्री दीपक सक्‍सेना, कुलगुरू जेएनकेव्‍हीव्‍ही डॉ. पीके मिश्रा, कृषि विश्‍वविद्यालय के डीन, संयुक्‍त संचालक कृषि श्री कुमार नेताम, कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी श्री एमएल मेहरा सहित विशेषज्ञ व अन्‍य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। एसीएस श्री मोहम्‍मद सुलेमान सहित अतिथियों ने फीता काटकर कौशल विकास केन्‍द्र और ड्रोन तकनीशियन प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एसीएस मो. सुलेमान ने कहा कि भविष्‍य तेजी से बदल रहा है और उसके साथ चलना एक चुनौती भी है अत: ड्रोन का उपयोग कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन की आपूर्ति का विकल्‍प बनेगा। जिसमें इंजीनियरिंग का विशेष दखल रहेगा। भविष्‍य में फसल बीमा ड्रोन आधारित भी होंगे। उन्‍होंने एनआईटीटीआर को ड्रोन टेक्‍नीशियन प्रशि‍क्षण कार्यक्रम में सहयोग के लिए धन्‍यवाद देते हुए सभी ड्रोन तकनीकी प्रशिक्षुकों को उनके सुंदर भविष्‍य की शुभकामनाएं दी। उन्‍होंने ट्रेनिंग के संबंध मे कहा कि यह पांच दिन की ट्रेनिंग होगी और एक दिन की परीक्षा भी होगी। इस ड्रोन टेक्‍नीशियन ट्रेनिंग में बहुत से ड्रोन पायलेट भी शामिल हैं जो उनके कौशल में और निखार लायेगा। संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी ने ड्रोन तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रशिक्षणार्थी ड्रोन को खोलेंगे, उसकी तकनीक को समझेंगे और फिर उसके जैसे के तैसे बनायेंगे। रिवर्स इंजीनियरिंग से उनमें तकनीकी कौशल बढ़ेगी, जिससे कभी यदि ड्रोन खराब हो जाते हैं तो उसे वह सुधार भी सकते हैं। किसान भाईयों को निश्चित ही इससे लाभ मिलेगा। इसके लिए एक कॉल सेंटर भी बनाया जायेगा, जो ड्रोन तकनीक के संबंध में आने वाली समस्‍याओं का निराकरण 24 घंटो के भीतर किया जायेगा। ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए यह प्रशिक्षण कारगर सिद्ध होगी। साथ ही महिन्‍द्रा की टीम के सहयोग से यहां ड्रोन से संबंधित 2 कोर्स पहले से संचालित हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे किसानों को निश्चित ही फायदा मिलेगा और भविष्‍य में कृषि में यंत्रीकरण के लिए मील का पत्‍थर साबित होगा।