छिंदवाड़ा l भारत शासन के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान इमलीखेड़ा के तत्वावधान में आज संस्थान में 6 दिवसीय जैविक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ । प्रशिक्षण कार्यक्रम में म.प्र.डे ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से जिले के विकासखंड जुन्नारदेव, मोहखेड़ और बिछुआ के स्व-सहायता समूह की 43 महिला प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ अग्रणी जिला प्रबंधक श्री हुकुम चन्द्रा, म.प्र.डे ग्रामीण आजीविका मिशन से जिला प्रबंधक श्री सुक्कन कुमार कवडे व श्री निर्मल कुमार कटरे, वित्तीय साक्षरता प्रभारी श्री पी.आर.उइके, संकाय प्रभारी श्री सौरभ पटेल व संस्था के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जबकि समापन कार्यक्रम में भी अग्रणी जिला प्रबंधक श्री हुकुम चन्द्रा, वित्तीय साक्षरता प्रभारी श्री पी.आर.उइके, संकाय प्रभारी श्री सौरभ पटेल, कार्यालय सहायक सुश्री महिमा डेहरिया व संस्था के अन्य सदस्यों ने सहभागिता की । उल्लेखनीय है कि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र द्वारा प्रतिभागियों को भोजन व आवास की सुविधा के साथ ही नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है तथा ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवक-युवतियों को प्राथमिता के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को जैविक खेती के संबंध में सभी जानकारी प्रदान करने के साथ ही जीवामृत बनाने की विधि बताई गई और प्रैक्टिकल कराया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यक्तित्व व उद्यमिता विकास के तकनीकी और व्यवहारिक पहलुओं पर भी विस्तृत जानकारी दी गई । प्रशिक्षण के समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए अतिथियों ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किये  और उन्हें जल्दी से अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए शुभकामनाएं प्रदान की।  प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह और आंचलिक कृषि अनुसन्धान केंद्र के प्रमुख डॉ.व्ही.के.पराडकर ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रशिक्षण में श्री एस.एल.नागवंशी का पाठ्यक्रम पूर्ण कराने में विशेष सहयोग रहा।