गांव और किसानों की समृद्धि की इबारत लिखता नैगवां का तालाब
कटनी - जनपद पंचायत रीठी के ग्राम पंचायत नैगवां में मनरेगा से बना तालाब गांव की समृद्धि की इबारत लिख रहा है। तालाब बन जानें से जहां जल संग्रहण हो रहा है और आस पास के क्षेत्रों के भू-जल में वृद्धि परिलक्षित हुई है वहीं तालाब के तलहटी से लगे खतों में सिंचाई होनें से फसलें लहलहा रहीं है। वहीं इस तालाब में मछली पालन कर ढाई से तीन लाख रूपये की प्रतिवर्ष आमदनी हो रही है। जल संरक्षण संवर्धन एवं जैव विविधता तथा सार्वजनिक लाभ को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम नैगवा के चौपरा तालाब विस्तारीकरण कार्य वर्ष 2018-19 में स्वीकृत हुआ था। उक्त कार्य के माध्यम से 175 जॉबकार्डधारी परिवार को कार्य उपलब्ध कराया गया। कटनी जिले के जनपद पंचातय रीठी के ग्राम पंचायत नैगवां के ग्रामीण इस तालाब की चर्चा ऐसे उत्साह से करते हैं कि जैसे गाँव के किसी युवा ने कोई उपलब्धि हासिल की हो। तालाब दिखाते हुए वे कहते हैं कि पहले नाममात्र के लिये रह गया था तालाब और इसका पानी। पानी इतना गंदा हो गया था कि बारिश खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही यह सूख जाया करता था। पर अभी देखिए... कितना सुंदर है यह तालाब और इसका पानी। तालाब के संबंध में विस्तार से बताते हुए यहाँ की सरपंच कहते है कि हम सोच भी नहीं सकते थे कि एक तालाब गांव की दशा और दिशा को बदल सकता है। सरपंच के तौर पर मैं तालाब की दशा को लेकर काफी चिंतित थी। बस, एक ही ख्याल रहता था कि किसी भी तरह से इस तालाब को फिर से पुनर्जीवित तो करना ही है। इस गांव में पानी की काफी समस्या भी थी। दूरस्थ अंचल एवं वन क्षेत्र में होने के कारण निस्तार के लिए पानी की कमी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने आगे बताया कि तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों की बैठक आयोजित की। यहाँ सभी के बीच काफी चर्चा उपरांत राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कार्य कराये जाने का ग्राम पंचायत ने एक प्रस्ताव तैयार किया और विधिवत अनुमोदन प्राप्त कर, 11.67 लाख रूपये की लागत से तालाब विस्तारीकरण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की। इस तरह तालाब गहरीकरण के लिए संसाधनों की व्यवस्था के बाद मई 2019 में तालाब गहरीकरण की शुरुआत हई। ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं की भागीदारी और मेहनत से तालाब का आकार खुलने लगा एवं गहरीकरण भी हुआ। इस कार्य से जहाँ ग्रामीणों को सीधे रोजगार के अवसर प्राप्त हुए, वहीं गांव को जल संरक्षण का साधन भी उपलब्ध हो गया।तालाब के पानी का उपयोग सिचाई के लिये तालाब गहरीकरण के बाद बारिश का मौसम आया और बारिश का पानी तालाब में समाने लगा। बारिश में लबालब भर जाने से ग्रामीणों का उत्साह बढ़ गया। इसका एक फायदा यह भी हुआ कि तालाब के आस-पास के खेत भी सिंचित हो गए और भू-जल स्तर में भी वृद्धि हुई। सचिव श्री पुष्पेंन्द्र मिश्रा एवं ग्रा मरोजगार सहायक श्री दुर्जन सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि तालाब के आस-पास के किसानों के खेतों में लगी फसल जैसे गेंहू एवं सरसों को सिचाई के लिये पर्याप्त पानी मिलने लगा है। चौपरा तालाब से सिंचाई हेतु पानी प्राप्त करने वाले किसानों ने बताया गया कि पहले खेतों में सिंचाई के लिये पानी न मिलने के कारण अक्सर फसल सूख जाया करती थी, किन्तु तालाब का गहरीकरण हो जाने के फसलों में पर्याप्त पानी उपलब्ध हे रहा है जिससे हम अपने खेतों में दोनों रवि एवं खरीफ की अच्छी फसल प्राप्त करने के साथ-साथ सब्जी भी उगा रहा है।मछलीपालन से हुई आय गाँव में पानी आया तो दूसरे काम भी होने लगे। तालाब में भरपूर पानी होने के बाद, यह तालाब सिर्फ निस्तारी के कार्य तक ही सीमित नहीं रहा। लबालब भरे इस तालाब को देखकर गांव के ही श्री पेमलाल/पूरनलाल बर्मन ने ग्राम पंचायत के समक्ष मछलीपालन का कार्य किया गया। इससे वे इस तालाब में लगभग 10 से 15 क्वींटल मछली का उत्पादन कर ढाई से तीन लाख रुपये की प्रतिवर्ष आय प्राप्त कर रहे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीठी श्री सी0एल0 पनिका द्वारा बताया गया कि जनपद पंचायत रीठी की ग्राम पंचायत नैगवां लगभग आदिवासी ग्राम पंचायत है इस ग्राम पंचायत में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों के साथ-साथ हितग्राहीमूलक एवं अन्य विकास तथा निर्माण के कार्य पूर्ण सुगमता एवं गुणवत्ता पूर्ण कराये गये है। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) श्री भागीरथ पटेल कहते है कि तालाब का पुनर्जीवन, गांव के लिए इतना फायदेमन्द होगा, यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। पर आज तालाब ने काफी कुछ बदल दिया है।