बीस हजार दो, दिव्यांग सर्टिफिकेट लो और पालो सरकारी नौकरी

भोपाल l मप्र के स्कूल शिक्षा विभाग में प्रायवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चल रही भर्ती प्रक्रिया में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया है। कई अभ्यर्थियों ने दिव्यांगता का प्रमाण पत्र लगाकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। हालात यह हैं कि अभ्यर्थियों ने 15 से 20 हजार रूपये खर्च कर फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाकर सरकारी नौकरी हासिल की है। मुरैना और ग्वालियर जिले में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है। नतीजा यह हुआ कि स्कूल शिक्षा विभाग में एक भी भर्ती प्रक्रिया बिना अभ्यर्थियों के आंदोलन के पूरी नहीं हुई है। वर्तमान में भी अभ्यर्थी आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर त्रुटिपूर्ण/फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्रों के जारी होने के संबंध में संबंधित चिकित्सकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही और त्रुटिपूर्ण भर्ती किये गये अभ्यर्थियों के संबंध में विभागीय स्तर पर की गई कार्यवाही का एक माह में जबाव मांगा है l