दिव्य चिंतन (हरीश मिश्र)

मोबाइल से भाजपा की साधारण सदस्यता लेने वाले देवतुल्य कार्यकर्ताओं को दीपावली पर झटका लगा है।

   ४४ साल से कांग्रेस की कब्र पर दुआं पढ़ने वाले रवि राजा ने एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें भाजपा में शामिल कर उपाध्यक्ष पद से सम्मानित किया। 

    सवाल यह है कि देवतुल्य कार्यकर्ताओं को सक्रिय सदस्य बनने के लिए 100 सदस्य बनाने पड़ते हैं, लेकिन कांग्रेस से आए किसी भी व्यक्ति पर यह नियम लागू क्यों नहीं होता?

    सवाल यह भी है कि भाजपा संगठन कभी अपने देवतुल्य कार्यकर्ताओं से  ओटीपी क्यों नहीं पूछता कि कांग्रेस की कब्र पर दुआं पढ़ने वाले को मंदिर का पुजारी  बना रहे हैं ? कोई आपत्ति तो नहीं। क्योंकि भाजपा संगठन जानता है कि देवतुल्य कार्यकर्ता हमेशा साधारण और आज्ञाकारी होता है। उसके दोनों गुर्दे संगठन के लिए समर्पित होते हैं, और संगठन कभी भी उनके गुर्दे प्रत्यारोपण के लिए टोपीधारी व्यक्तियों को दे सकता है।