अन्याय ,अत्याचार का प्रतिरोध ही मानव धर्म है

दिव्य चिंतन (हरीश मिश्र)
वसुधा पर अवतारी सत्ता बहुआयामी रूपों में प्रकट होती हैं। वसुंधरा का उद्धार कर आदर्श प्रस्तुत कर सुप्त समाज का मार्ग प्रशस्त करती है। कर्मयोगी, कमल नयन, मधुसूदन भगवान श्री कृष्ण का अवतार धर्म स्थापना के लिए हुआ था। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है- व्यक्ति को कैसे जीवन जीना चाहिए- उसके जीवन के आदर्श कैसे होना चाहिए, समाज के प्रति उत्तरदायित्व, अनीति से लड़ते हुए, अंधत्व सत्ता के विरुद्ध संघर्ष कर धर्म की सत्ता कैसे स्थापित हो, यह सब ज्ञान अवतारी पुरुष मुरलीधर, सुदर्शनधारी
में समाहित हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा ..*मैं ही क्यों, कोई भी अन्याय-अत्याचार होते देखकर मौन धारण कैसे कर सकता है और यदि वह मौन धारण करता है तो वह पौरुष हीन नर होगा। पांडु पुत्रों पर अन्याय होता देख प्रतिरोध करने का संकल्प अनंतजीत ने लिया ।
अत्याचार, अनीति व अन्याय का प्रतिरोध ही मानव धर्म है। विरोध के बिना धर्म की स्थापना नहीं हो सकती। अनीति करने वालों का विनाश विरोध के बिना संभव नहीं है।
प्रकृति के प्रकोप से जन्मांध , पुत्र मोह, सत्ता मोह से अन्धत्व,महाराज धृतराष्ट्र अनीति के संरक्षक थे। पुत्र मोह किसे नहीं होता किंतु उसके प्रत्येक कृत्य को स्वीकार्यता प्रदान करना विवेक हीनता होता है। महाराज नेत्र दर्शन से हीन होकर पुत्र मोह के कारण अमंगलकारी, अनर्थकारी निर्णय ले रहे थे।
तब कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण ने उद्घोष किया अनीति के साथ खड़े होना उसमें सम्मिलित होना पाप है। अनुचित बात का कभी भी समर्थन नहीं करना चाहिए । तब उन्होंने अनीति-उन्मूलन का कार्य किया। लोकमंगल के लिए शौर्य और साहस का दिव्य घोष किया।
द्वारिकाधीश शांति के दूत थे। उन्होंने समाज को निर्भय करने का उत्तर दायित्व अपने कंधों पर लिया। सभी दुश्मनों को पराजित करने वाले जयंतह , सभी को वरदान देने वाले जनार्धना, दानवों का वध करने वाले मधुसूदन ने धर्म की स्थापना, अधर्म के उन्मूलन के लिए अवतार लिया।
मुरली बजाकर मोहने वाले- मुरलीधर ने पृथा पुत्रों को संदेश दिया.. सीधापन और सज्जनता भी कायरता है। सत्ता में मतांध ,भ्रांत बुद्धिवाले जनता के भोलेपन को बेवकूफी समझने लगते हैं। तब दुष्ट को दंड से ही सन्मार्ग पर लाया जा सकता है। नर हंताओं को दंड से ही सुधारा जा सकता है। इसलिए संकल्प लें विश्व कल्याण के लिए लोकमंगल के लिए अनीति के संचालकों का हमेशा प्रतिरोध करेंगे।
लेखक ( स्वतंत्र पत्रकार )