हल्दी की विपणन व्यवस्था को सुचारू और बेहतर बनाएं

कृषि उत्पादन आयुक्त मध्यप्रदेश शासन श्री एसएन मिश्रा ने कहा है कि शहडोल संभाग मे उद्यानिकी फसलों की उत्पादन की विपुल संभावनाएं हैं। उन्होनें कहा है कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को उद्यानिकी फसलें लगाने के लिए प्रोत्साहित करें, किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन दें और किसानों को उद्यानिकी फसलें लगाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित करें। उन्होनें कहा है कि अनूपपुर जिले में नासपाती की खेती के अच्छे प्रयास किए गए हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा है कि उद्यानिकी फसलों के भण्डारण एवं विपणन की व्यवस्था को और अधिक बेहतर और कारगर बनाएं। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एसएन मिश्रा आज कलेक्टर कार्यालय शहडोल के सभागार में आयोजित एपीसी की बैठक में अधिकारियो को निर्देशित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि शहडोल संभाग में हल्दी की फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है यह एक अच्छी पहल है। उन्होनें कहा कि हल्दी की फसल से किसानों को अच्छा लाभ हो इसके लिए किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकी सिखाएं, फसलों के भण्डारण विपणन एवं प्रोसेसिंग के संबंध में भी समुचित तकनीकी ज्ञान मुहैया कराना सुनिश्चित करें। कृषि उत्पादन आयुक्त ने शहडोल संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर कृषि उद्यानिकी पशुपालन एवं मत्सपालन विभागों की बैठकें ले और बैठकों में अधिकारियों को कृषि उत्पादन के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री आशोक वर्णवाल ने कहा कि किसानो को कम समय में पकने वाली पूषा-16 तुअर की किस्म को लगाने के लिए प्रोत्साहित करें उन्होने कहा कि तुअर उत्पादन के लिए यह अच्छी किस्म है शहडोल संभाग के तीनों जिले में पिछले वर्ष लगभग 23 क्विंटल पूषा- 16 किस्म की तुअर के बीज का वितरण किया गया था इस बीज से उत्पादित फसल का उपयोग बीज के रूप मेें ही करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस विषय में कलेक्टर्स एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विशेष रूप से ध्यान दें। उन्होनें कहा कि किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए मौसम एप प्रारंभ किया गया है मौसम एप कृषकों को सात दिन पहले के मौसम की जानकारी देता है इस एप का प्रचार-प्रसार कराएं मौसम एप की जानकारी दूर-दराज के क्षेत्रो में रहने वाले किसानों को भी होना चाहिए और किसानों को मौसम की सही जानकारी मिलना चाहिए। उन्हानें कहा कि कस्टम हायरिंग सेन्टरों का उपयोग प्राथमिकता के साथ कराएं। शहडोल संभाग के सभी कस्टम हायरिंग सेन्टरों को सक्रिय करें तथा एमपी किसान एप को प्रचारित करना सुनिश्चित करें। बैठक में शहडोल संभाग की अनाज मण्डियों की स्थिति की भी समीक्षा की गई।