रोजनामचा एक ऐसी लेखा बही है । जिसमें *दैनिक दिव्य घोष* दिन-प्रतिदिन के सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक घटनाक्रम को क्रमवार अभिलेखन किया है। आज से प्रत्येक सोमवार पढ़ें । अपनी प्रतिक्रिया एवं सुझाव दें।

सपने संकल्प और समस्याएं!

हरीश मिश्र

    अंग्रेजी कैलेंडर के छठे माह का पहला सप्ताह बेहद तपते देखा ।झुलसा देने वाली तपन के बीच एक सुखद अनुभूति देखी । नए सपने, नए संकल्प, नया भरोसा, नई उमंग और नई आकांक्षाओं के बीच एमपीपीएससी परीक्षा परिणाम में रायसेन नगर की बेटी अंकिता पाटकर को प्रदेश में शीर्ष स्थान अर्जित करते देखा । *वहीं साधना कर, असंभव को संभव बनाने वाले, टाइगर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 11 लाख 16 हजार 460 जन ने अपनत्व की रोली चंदन से शिव के ललाट पर राज तिलक कर आशीर्वाद दिया और लोकतंत्र के मंदिर में सशक्त आवाज के रूप में मोदी मंत्रिमंडल में शपथ लेते देखा।*

   पर्यावरण दिवस पर बेतवा उद्गम स्थल पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को वृक्षारोपण करते देखा। *नगर पालिका परिषद के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बैनर पकड़ते, जनप्रतिनिधियों को फोटो खिंचवाते और कर्मचारियों को उंगली कटाकर पर्यावरण बचाने के लिए शहीद होते देखा। इस अभियान में नागरिकों को दूर-दूर तक नहीं देखा।*

     शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में उत्पात मचा रहे रॉयल टाइगर को पकड़ने के लिए जंगल विभाग को *तेंदूपत्ता श्रमिक की नुक्ती बंटने के बाद "अनुष्ठान विजय" प्रारंभ करते देखा।*

     "अनुष्ठान विजय" के तहत 
*पांच हाथियों और 130 वन कर्मियों को जंगल-जंगल खाक छानते, टाइगर को और बजट को ठिकाने लगाने के लिए संघर्ष करते देखा ।*

    *पिछला पखवाड़ा खूब तपा। तपन और तपती दुपहरी में पीएचई में मुर्गा पकते देखा।* मुर्गा कांड की जांच लंबित देखी । नल-जल योजना में मदिरा बहते और अधिकारी को उपदेश देते देखा। *मुर्गा कांड की जांच प्रतिवेदन आने से पहले जिला चिकित्सालय में स्टाफ नर्स की वसूली का पत्रकारों द्वारा स्टिंग ऑपरेशन करते देखा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों, डॉक्टर-नर्सों को मीठी-चटनी, गुलकंद और जाय-पत्री का मीठा पत्ता खाते और प्रशासन को बार-बार जांच का आदेश देते देखा।*

    *32 करोड़ की सड़क को उखड़ते देखा।* विकास का रूप बिगड़ते और तंत्र को बिखरते देखा। *जो कुछ बिगड़ा है, वह जनता ने बिगाड़ा है। सिस्टम सुधारना होगा तो किसी दूत को नहीं, जनता को ही सुधारना होगा। जब तक जनता नहीं सुधरेगी , कार्यालयों में आम आदमी मुर्गा बनता रहेगा और अवैध वसूली होती रहेगी।*

   आने वाले कल में अच्छे मानसून की उम्मीद है। *जन-जन के मन में एक ही सवाल है। क्या जिले का विकास होगा, तंत्र सुधरेगा! शिवराज भाग्य विधाता बनेंगे!*

लेखक ( स्वतंत्र पत्रकार )
स्वरदूत क्रमांक -९५८४८१५७८१