बड़वानी / सम्पूर्ण देष के कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा पोषण पखवाड़ा 08 से 22 अप्रैल मनाया जा रहा है। इस अवसर पर केन्द्र के सभागार में मुख्य अतिथि के रूप में निदेषक डॉ. व्हायपी सिहं रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर शामिल हुए । डॉ. सिंह द्वारा मृदा विज्ञान के ़क्षेत्र में अनेकों अनुसंधान कार्य किये गये मान्नीय निदेषक महोदय द्वारा केन्द्र के सभागार में सरस्वती पूजन कर कार्यक्रम कर शुभारंभ किया गया । सर्वप्रथम केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एसके बड़ोदिया ने सभी का कृषकों व अतिथियों का स्वागत कर केन्द्र की विगत 10 वर्षो में संचालित प्रमुख गतिविधियों का पावर पाईट के माध्यम से प्रदर्षन किया । इसके उपरांत निदेषक ने अपने उद्बोधन में केन्द्र की जिले में की जा रही गतिविधियों की सराहना करते हुए उपस्थित कृषकों के साथ चर्चा-परिचर्चा करते हुए मृदा के पोषण सुधार हेतु अपनाये जाने वाले उपायों की जानकारी दी । इस अवसर पर डॉ. सिहं ने कहा कि चने में विल्ट की समस्या के निदान हेतु फंफुदनाषी के प्रयोग से छिड़काव कर एवं माइक्रोन्यूट्रिंट का 2-3 दिन के अंतराल में सिचांई करने की सलाह दी । जिससे चने में विल्ट की समस्या का समाधान किया जा सकता है। साथ ही कृषकों को खेती में नवाचार अपनाने की बात कहीं । केन्द्र की विभिन्न प्रदर्षन इकाईयों के भ्रमण के दौरान प्रषंसा करते हुए जैविक खेती के क्षेत्र में किये जा रहें केन्द्र के प्रयासों की सराहना की। प्रजनक बीजात्पादन कार्यक्रम अन्तर्गत केन्द्र द्वारा किये गये उत्कृष्ट उत्पादन पर प्रषंसा व्यक्त की । साथ ही प्राकृतिक/जैविक खेती की नवीनतम तकनीकों को अधिक से अधिक कृषकों तक पहुचाने व केन्द्र पर समन्वित कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार हेतु एक मॉडल विकसित करने की बात कहीं । डॉ. सिंह ने अपने भ्रमण के दौरान जिले के प्रगतिषील कृषक श्री घमंडीलाल ग्राम बड़गॉंव से जैविक खेती में किये जारे नवाचार की जानकारी ली व जैविक खेती अपनाने पर प्रषंसा व्यक्त की। केन्द्र के भ्रमण में निदेषक द्वारा केन्द्र के साफ-सफाई व स्वच्छ वातावरण से प्रभावित होकर इसे बनायें रखने की बात कही । इस अवसर पर जिले के ग्राम टांगड़ा, बड़गॉंव, बोरलॉय व तलून के कृषक शामिल हुऐ। इस भ्रमण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में केन्द्र के डॉ डी. के. जैन, उद्यानिकी वैज्ञानिक, डॉ. बी. कुमरावत वैज्ञानिक (मृदा विज्ञान), श्री उदयसिहं अवास्या, श्री रविन्द्र सिकरवार अनुसंधान सहायक एवं श्री अरविंद अवास्या, अनुसंधान सहायक, श्री एन. के. पर्ते, वाहन चालक ने महत्वपूर्ण भुमिका निभाई ।