वाराणसी | भारतीय रेलवे की सहायक संस्था आईआरसीटीसी द्वारा आयोजित भारत गौरव महाकुंभ यात्रा 6 फरवरी 2025 को इंदौर से प्रारंभ हुई। यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव साबित हो रही है। इस यात्रा के दौरान भक्तगण काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, प्रयागराज महाकुंभ, गंगासागर और जगन्नाथ पुरी के दर्शन कर रहे हैं।
 यात्रा में शामिल मीडिया प्रतिनिधि नितिन कुमार गुप्ता के अनुसार, इस विशेष यात्रा में श्रद्धालुओं को ट्रेन और बसों के माध्यम से विभिन्न तीर्थ स्थलों तक पहुँचाया जा रहा है। कुछ स्थानों पर बजट होटलों की व्यवस्था की गई है, जबकि प्रयागराज में आईआरसीटीसी टेंट सिटी में वीआईपी टेंट की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
 काशी विश्वनाथ धाम : श्रद्धा और आस्था का महासंगम-
यात्रा के पहले चरण में श्रद्धालु वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम पहुँचे। महाकुंभ के प्रभाव से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण दर्शन के लिए 6 से 10 घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। इसके अलावा, काल भैरव मंदिर में भी श्रद्धालुओं को 4 से 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
श्रद्धालुओं के अनुसार,
 "बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद प्रतीक्षा की कठिनाई भी सार्थक लगती है।"
काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा ने उनकी सारी थकान मिटा दी।

 प्रयागराज महाकुंभ : पावन संगम में आध्यात्मिक स्नान-

यात्रा के तीसरे दिन श्रद्धालु वाराणसी से बस द्वारा प्रयागराज पहुँचे। महाकुंभ के कारण भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही, जिससे श्रद्धालुओं को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस बीच भोपाल से क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र बोरबन  स्थित से अवगत होते ही अपने स्टाफ को दिशा निर्देश दिए  जिससे  श्रद्धालुओं को ज्यादा नहीं चलना पड़ा।

अंततः जब श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ पहुँचे, तो उन्होंने संगम तट पर श्रद्धा और आस्था के साथ स्नान किया। आईआरसीटीसी द्वारा महाकुंभ ग्राम टेंट सिटी में विशेष वीआईपी टेंट की व्यवस्था की गई थी, जो संगम तट से मात्र 300 मीटर की दूरी पर स्थित था। जिससे श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलते हुए सुगम स्नान हुए।

 श्रद्धालुओं के अनुसार,-
"भीड़ से दूर, एक शांतिपूर्ण स्थान पर ठहरने और सुगमता से स्नान करने का अवसर मिलना हमारे लिए एक दिव्य अनुभव रहा।"
कई भक्तों ने इसे अपने जीवन की सबसे यादगार तीर्थ यात्रा बताया।
 गंगासागर और जगन्नाथ पुरी की ओर बढ़ती यात्रा-

यात्रा के चौथे दिन, श्रद्धालुओं का दल प्रयागराज से वाराणसी बसों के माध्यम से भजन करते  हुए  वाराणसी  पहुंचे 9 फरवरी शाम  को ट्रेन द्वारा कोलकाता के लिए रवाना हुआ। इस धार्मिक यात्रा में श्रद्धालु सेकंड एसी, थर्ड एसी और स्लीपर कोच में सफर कर रहे हैं।

यात्रा में कुल 450 श्रद्धालु शामिल हैं, जो आगे गंगासागर स्नान, कोलकाता भ्रमण और पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन करेंगे।
अब तक सभी श्रद्धालुओं का अनुभव अत्यंत सुखद, आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से प्रेरणादायक रहा है।
यात्रा के अगले पड़ावों की विस्तृत जानकारी आगामी अंक में प्रकाशित की जाएगी।