जबलपुर l खेती में दिनों दिन बढ़ती हुई लागत एवं रासायनिक आदान सामग्री की अधिकता से समस्याएं बढ़ती जा रही हैं । इन सबके निदान के लिए प्राकृतिक खेती या जैविक खेती ही एकमात्र विकल्प है । उक्ताशय के विचार प्रसिद्ध जैविक खेती विशेषज्ञ श्री ताराचंद वेलजी एवं श्रीमती मिताली वेलजी ने आज गुरूवार को आत्मा परियोजना एवं कृषि विभाग के तत्वाधान में कृषि कार्यालय परिसर शहपुरा में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में व्यक्त किये ।    

कार्यशाला में परियोजना संचालक आत्मा डॉ एस के निगम, अनुविभागीय अधिकारी कृषि डॉ इंदिरा त्रिपाठी एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे । कार्यशाला का संचालन करते हुए वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी रजनीश दुबे ने बताया कि शहपुरा विकास खंड में प्राकृतिक व जैविक खेती को बहुत से किसान अपना रहे हैं । इस अवसर पर जैविक खेती विशेषज्ञ ताराचंद वेल जी भाई ने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिये उपयोगी आदान सामग्री कृषक स्वयं अपने संसाधन से अपने ही खेत पर बना सकते हैं तथा फसलों को सूक्ष्म पोषक तत्व व ऊर्जा युक्त पोषण देकर उच्चतम उत्पादन लेने योग्य बना सकते हैं । कार्यशाला में शहपुरा के जैविक खेती किसान विनय सिंह ने अपने अनुभव साझा किये और प्राकृतिक खेती के फायदे गिनाये । आत्मा परियोजना के विकासखंड प्रबंधक रोहित गुप्ता ने कृषकों को जैविक खेती के पंजीयन की जानकारी दी।      

कार्यशाला में शहपुरा विकासखंड के 50 से अधिक कृषकों ने भाग लिया जो कि मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने-अपने गांव में जैविक एवं प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए काम करेंगे । इन किसानों में देवी सिंह पटेल, आशीष पटेल, संदेश शुक्ला, मनोज पटेल, सुश्री बरखा भुर्रक, मुकेश भुर्रक, राम सिंह पटेल आदि शामिल थे । कार्यशाला के समापन पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी शाहपुरा सुश्री मेघा अग्रवाल ने आमंत्रित वक्ताओं एवं किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया । क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ऐन के गुप्ता, के के डेहरिया, एस के परतेती ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।