सीहोर l शासकीय कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने इको क्लब प्रभारी डॉक्टर कलिका डोलस के नेतृत्व में पर्यावरण शिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत नेचर कैंप के तहत कृषि विज्ञान केंद्र से  सेवनिया का भ्रमण कर जिले में उत्पादित होने वाली गेहूं ,चावल ,सोयाबीन ,दाल आदि की विभिन्न किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त की। सीहोर का गेहूं पूरे भारत में प्रसिद्ध है और पूरे भारत में गेहूं की भारी मांग है। इस अवसर पर केंद्र के संचालक श्री संदीप पौडवाल ने विस्तार के साथ केंद्र में उगाई जाने वाली फसलों के साथ-साथ अमरूद ,आम के विभिन्न किस्म ,पौधों के बीच में रखे जाने वाली दूरी, खाद पौधों के बीच के अंतर में उगाई जाने वाले फैसले जैसे हल्दी आदि की जानकारी भी दी। साथ ही गिर गाय की नस्ल को बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। छात्राओं ने नेचुरल फार्मिंग एवं बिजामृत, जीवामृत आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। बीजामृत जहां बीजों की गुणवत्ता बढ़ाता है वही जीवामृत को छिड़क कर फसलों में लगने वाले कीट कीड़े बीमारियों से फसलों को बचाया जा सकता है। डीकंपोजर के उपयोग से किस प्रकार से जीवामृत बनाया जाता है इस बारे में भी जानकारी दी,  2 किलो गुड़ ,1 किलो बेसन ,20 किलो गोबर,  10 लीटर गोमूत्र और 250 ग्राम पेड़ की मिट्टी को बना मिलकर जीवामृत बनाया जा सकता है। इस प्रकार का जीवामृत कोई भी किसान या छात्र स्वयं भी अपने घर में बनाकर अपनी खेती को केमिकल फ्री बन सकती है।