जैविक खेती पद्धतियों आधारित प्रदर्शनी लगाई गई

झाबुआ l मध्य प्रदेश में जैविक खेती पद्धतियां एवं मूल्य संवर्धन पर कार्यशाला 21- 22 फरवरी 2025 कलेक्टर नेहा मीना के मार्गदर्शन में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग झाबुआ द्वारा सम्भागीय प्रतिनिधित्व करते हुए, राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान भोपाल में जैविक खेती पद्धतियों आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। शुभारंभ अवसर पर झाबुआ जिले की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन डॉ. मोहन यादव एवं मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्य प्रदेश शासन श्री एदल सिंह कंसाना झाबुआ के जैविक उत्पादों से सराबोर स्टॉल पर मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री को झाबुआ के परंपरागत प्रतीक झूलड़ी पहनाकर एवं तीरकमान-धनुष देकर स्वागत किया गया। स्टॉल अवलोकन के दौरान सचिव कृषि मध्य प्रदेश श्री एम सेवेंद्रन, संचालक कृषि मध्य प्रदेश श्री अजय गुप्ता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रकृति के निकट रहने वाले झाबुआ जिले के किसानों को प्राकृतिक खेती के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पक्ष की बेहतर समझ तथा संभावनाओ को जमीन पर उतारने के प्रयास अनवरत जारी है।
प्रदर्शनी में झाबुआ जिले की पहचान फसल लम्बे रेशे वाले कपास तथा उसकी तुलना में अन्य किस्मो के कपास के प्रादर्श प्रदर्शित किये। झाबुआ अंचल के जनजातिय समुदाय का मक्का की चपाती और उड़द की दाल सदियों से प्रिय स्टेपल फूड रहा है। जिले की मक्का की विशिष्ट किस्म दूध मोगर मक्का, साठी मक्का तथा भूरा उडद की दाल प्रदर्शनी में अवलोकित रही। झाबुआ जिले की मक्का और इंडिजिनस उडद का अपना अलग ही रंग और स्वाद है।
अनाजों के पुरखे हमारे मोटे अनाज घर-घर पहुंचे, इस हेतु को लेकर झाबुआ की प्रदर्शनी में अंचल में प्राकृतिक रूप से उगाये जा रहे कदन्न अनाज कोदो, चिया-कुटकी, रागी, सांवा, चिना, ज्वार, बाजरा के प्रदर्शित किये। मिलेट्स बेहतर हैं, किसानो के लिए, वसुंधरा के लिए, आम जन के लिए। कद्दन्न अनाज आज की महती आवश्यकता दलहनो के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निर्वाहित करने वाली अरहर की पूसा 16 फसल जो कि जिले में 128 दिवस में पक कर तैयार हो गई, बीज और अरहर की दाल तथा उच्च ओलिक एसिड युक्त मूंगफली की जैविक रिति से उत्पादित गिरनार 4 प्रदर्शित की गयी। प्राकृतिक खेती को गतिशील बनाने के लिये उपयोग किये जाने वाले मुख्य अवयव जीवामृत, बीजामृत प्रदर्शित किये गए। आधुनिक खेती के साथ-साथ जैविक खेती की विधाओं के सुसंयोजन से अधिक आमदनी देने वाली फसलो के उत्पादन की ओर भी झाबुआ अंचल के किसानो का रूझान बढ रहा है। जैविक विधि से उत्पादित तरकारी ब्रोकोली, स्ट्राबेरी, आधुनिक जीवनशैली को गतिशील और स्वस्थ बनाये रखने के लिये उपयोग किये जाने वाले केमोमाईल, मोरिंगा सत्तु जैसे उत्पाद भी प्रदर्शित किये गये।