छिंदवाड़ा l उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, सहायक संचालक कृषि श्री धीरज ठाकुर, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री नीलकंठ पटवारी, सहायक कृषि यंत्री श्री समीर पटेल एवं कृषि विभाग तथा आत्मा की टीम द्वारा विकासखण्ड छिन्दवाड़ा के ग्राम बोरिया में कृषि अभियांत्रिकी के सहयोग से किसानों के खेत में उन्नत कृषि तकनीक रेज्डबेड फरो पध्दति से अरहर फसल की नवीन किस्म पूसा अरहर-16 की बुआई के प्रदर्शनों का निरीक्षण किया गया।
        उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि पूसा अरहर-16 जिले में प्रथम बार लगाई जा रही है। कम समय में तैयार होने वाली अरहर की प्रजाति पूसा-16 की खेती बारिश के मौसम में भी की जाती है। पूसा 16 अरहर की 130-135 दिनों में तैयार होने वाली प्रजाति है। समय से बोआई कर इसके बाद आलू, गेहूं, सरसों आदि रबी फसलों की खेती की जा सकती है। यह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली से विकसित की गई है। यह प्रजाति अतिशीघ्र पकने वाली श्रेणी में आती है। इसकी औसत पैदावार लगभग 15-18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि यदि वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो लागत कम लगेगी और उत्पादन भी अच्छा मिलेगा। कटने के बाद रबी की सरसों, गेहूं, जौ, आलू की फसल लेने से किसान की आमदनी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में किसानों को सलाह दी गई कि खरीफ की खेती में दलहनी फसलों में अरहर की पूसा-16 किस्म को भी स्थान दें। भ्रमण के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी छिन्दवाड़ा श्रीमती श्रध्दा डेहरिया, बीटीएम आत्मा श्रीमती ज्योति डेहरिया, श्रीमती नितिन माण्डेकर एवं ग्राम के किसान उपस्थित थे।