कटनी -  मध्य प्रदेश शासन ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा विकासखंड बहोरीबंद के ग्राम पंचायत लखनवारा के अंतर्गत ग्राम लिंगरी लखनवारा एवं डुंगरहाई के स्व सहायता समूह एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली 35 महिलाओं को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 10 दिवसीय जैविक सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रशिक्षक रामसुख दुबे द्वारा सामुदायिक भवन लिंगरी में दिया जा रहा है।प्रशिक्षण में जैविक खेती की आवश्यकता मिट्टी के प्रकार फसलों के लिए आवश्यक 17 पोषक तत्व पोषक तत्वों के वर्गीकरण के आधार पर प्राथमिक द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। मिट्टी परीक्षण से भूमि में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी प्राप्त होती है। पाली हाउस सिंचाई की विधियों के अंतर्गत स्प्रिंकलर एंड ड्रिप सिंचाई की जानकारी दी गई। ड्रिप सिंचाई से 80 - 90 प्रतिशत पानी की बचत होती है। फसलों में लगने वाले काटने वाले कुतरने वाले रस चूषक एवं फल छेदक कीटों तथा उगरा उकटा जड़ सड़न पौध गलन आदि रोगों की जानकारी तथा उनके जैविक नियंत्रण की विधियों को बतलाया गया। नर्सरी प्रबंधन के अंतर्गत पौध तैयार करने से लाभ पौधशाला के लिए स्थान का चुनाव पौधशाला की तैयारी भूमि एवं बीज उपचार क्यारी बनाना, बीज की छिटकवा एवं कतार में बोनी बीजों को ढकना, क्यारी को ढकना, सिंचाई खरपतवार तथा कीट एवं विषाणु रोग तथा पद गलन रोग की जानकारी तथा उनके नियंत्रण के विषय में बतलाया गया। विभिन्न जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों के अंतर्गत गोमूत्र, नीम पत्ती तथा पांच पत्ती काढ़ा को बनाने तथा फसलों में उपयोग की जानकारी दी गई। देसी गाय के 1 ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं एवं गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं गोमूत्र का उपयोग बीज उपचार जैविक कीटनाशक शीघ्र खाद एवं पौध पोषण में उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में संस्था के कर्मचारी अनुपम पांडे तथा कृषक राजाराम राजपाल एवं प्रशिक्षनार्थी उपस्थित रहे।