पारंपरिक खेती के साथ उद्यानिकी फसलो की पैदावार कर किसान प्राप्त कर सकते है अच्छी आयः

सिंगरौली / पर्यावरण और उपभोक्ता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये कृषि में रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिये जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है. इस उद्देश्य से कलेक्टर श्री चन्द्र शेखर शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष सुन्दर लाल शाह, जिला पंचायत सदस्य संदीप शाह, जनपद सदस्य रणधीर सिंह के उपस्थित में अटल सामुदायिक भवन बिलौजी में एकीकृत बागवानी मिशन अंतर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
कार्यशाला में उपस्थित किसानो को संबोधित करते हुयें कलेक्टर श्री चन्द्र शेखर शुक्ला ने कहा कि किसान का झुकाव हमेशा से पारंपरिक खेती जैसे गेहूं चना धान आदि पर रहा है किंतु पारंपरिक खेती के निवेश एवं उसके उत्पाद की बिक्री में किसानो को कभी कभी हानि उठानी पड़ती है। उन्होने कहा कि उद्यानिकी की खेती पारंपरिक खेती का एक अच्छा विकल्प बन सकता है हमें उद्यानिकी की खेती को पारंपरिक खेती के साथ सम्मिलित करने की आवश्यकता है। उन्होंने उद्यानिकी खेती के लाभ बताते हुए कहा कि प्रति एकड़ क्षेत्र के हिसाब से उद्यानिकीं खेती हमें पारंपरिक खेती से ज्यादा लाभ देती है यदि उद्यानिकी खेती में जैविक विधि से की जाए तो यह लाभ और भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है । कलेक्टर ने कहा कि हमें अच्छी नस्ल के पौधों का चयन मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार जैविक खाद जैसे जीवामृत बीज अमृत का उपयोग करना होगा। साथ ही फसल के रखरखाव की तकनीक को सीखना होगा। इसके लिए हमें जिले के हर एक किसान भाई को उद्यानिकी खेती एवं जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। वही कार्यशाल के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष श्री शाह एवं कृषि विशेषज्ञो के द्वारा भी फसलो के बोनी सहित आदि के बारे में अवगत कराया गया।इस अवसर पर वरिष्ट समाजसेवी बिक्रम सिंह चंदेल, कृषि वैज्ञानिक अखिलेश चौबे, शैलेन्द्र सिंह गौतम, सहायक संचालक उद्यानिकी एच.एल निमोरिया, सहायक संचालक पशु चिकित्सालय डॉ. सुमन्त बर्मा, आरसेटी के अशोक त्रिपाठी, संजीव सिंह सहित किसान भाई, स्वा सहायता समूह की बहने उपस्थित रही।