प्राकृतिक खेती व जैविक खेती से बढ़ेगी भूमि की उर्वरा
खरगोन । पीजी कॉलेज के संरक्षक प्राचार्य डॉ. आरएस देवडा के मार्गदर्शन एवं वनस्पति विभागाध्यक्ष प्रो. एम.एम. केशरे के निर्देशन में जैविक खेती की जानकारी प्राप्त करने के लिए महाविद्यालय विद्यार्थियों ने दो दिवसीय उद्यानिकी विभाग का फील्ड विजिट किया। विजिट के दौरान बीएससी एवं बीए में वोकेशनल विषय के रूप में जैविक खेती विषय लेने वाले विद्यार्थियो के लिए प्रस्तावित था। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री पीएस बडोले द्वारा विद्यार्थियों को उद्यानिकी विभाग के फील्ड का भ्रमण करवाया। वहीं विभाग के उद्यान विकास अधिकारी श्री वीएस बर्डे ने विद्यार्थियों को केंचुआ खाद बनाने की विधि एवं उसके उपयोग तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री पीएस बार्चे ने विद्यार्थियों को जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी विस्तार से दी। उन्होने बीजामृत एवं जीवामृत बनाने की विधि एवं प्राकृतिक खेती में इनके लाभों से अवगत कराया। वहीं जीवामृत किसी भी भारतीय नस्ल की गाय के गोबर, मुत्र एवं अन्य स्थानीय उपलब्ध सामग्री जैसे दृगुड, दाल का आटा आदि से बनाया जाता हैं। यह भूमि में उपयोगी जीवाणुओं की वृद्धि करता है। जो भूमि को उपजाऊ बनाता है। श्री गोविन्द पाटीदार ने वर्तमान में जैविक खेती की महत्ता एवं इसके प्रकार की जानकारी विद्यार्थियों से साझा की। माली श्री बद्रीलाल कन्नोजे ने फील्ड विजिट में विद्याथियों को बडींग, ग्राफ्टिंग, गुट्टी लगाना, इनार्चिंग आदि विधियों को प्रयोग द्वारा समझाया। उन्होंने बताया कि इन विधियों द्वारा हाइब्रिड पौधे तैयार किये जाते है जो कि अधिक उत्पादन को बढावा देते हैं। फील्ड् विजिट का प्रबंधन प्रभारी प्राध्यापक प्रो. गिरीश शिव एवं प्रो. सीएल निगवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो. भूरसिंह सोलंकी, प्रो. लोकेश बघेल, प्रो. पूजा महाजन, कु. मीनाक्षी साठे, श्री आशीर्वाद गीते एवं श्री मांगीलाल मंडलोई ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया। विजिट में बीएससी एवं बीए प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी शामिल रहे।