गुनाl 

हितग्राही का नाम     .     श्री गोतम सिंह पुत्र हरलाल लोधा

मोबाइल नंबर        .     8000028954

पता               .     ग्राम बदरपुर विकास खण्ड राधौगढ

योजना का नाम            .     आत्मा

विभाग का नाम            .     किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला गुना

दिये गये लाभ का विवरण.   ड्रिप सिस्टम, मल्चिंग, बायो पेस्टीसाईड, बायो फंजीसाईड आदान सामग्री

लाभ से पूर्व आर्थिक पृष्ठ भूमि-सामान्य, सब्जियॉ उगाकर बाजार में बेचने का कार्य किया जा रहा था। लाभ के बाद वर्तमान स्थिति .     उत्पादन में वृद्धि, जैविक उत्पादों का अधिक मूल्य, मिट्टी की गुणवत्तार में सुधार, शुद्ध लाभ में वृद्धि, जैविक आदानों के उपयोग से खेती की लागत में कमी हुई है एवं जैविक सब्जियों की रेट अच्छी मिलने से लाभ अधिक प्राप्तल हुआ है।

                मैं गौतम सिंह पुत्र हरलाल लोधा ग्राम बदरपुर विकास खण्ड राधौगढ का कृषक हूँ। मेरे पास 1.000 हेक्टेकयर जमीन है। खसरा नंबर  503/1/2,56/1 है। बोई गई सब्जिया गिल्कीँ 0.200 हेक्‍टेयर, करेला 0.200 हेक्‍टेयर में लिया गया है। गिल्की में लागत 20000/ रूपये है और शुद्ध लाभ 40000/ रूपये मिला है। करेला में लागत 25000/ रूपये शुद्ध लाभ 55000/ रूपये प्राप्‍त हुआ। जिले में कार्यालय परियोजना संचालक (आत्मा) किसान कल्याण तथा कृषि विकास गुना द्वारा एक ''सेफ एण्ड  ऑर्गेनिक प्रोग्राम'' कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। प्रत्येक कृषक का वार्षिक फसल कैलेण्डर तैयार किया गया है, जिससे वर्ष के प्रत्येक माह में मौसम अनुसार जैविक सब्जियों की उपलब्धता बनी रहे, एवं उपभोक्ताओं को वर्ष भर ताजी सब्जियाँ उपलब्ध कराई जा सके। फसल कैलेण्डर में अगेती सब्जियों को शामिल किया गया है, जिससे बाजार से पहले जैविक स्टोर पर सब्जियाँ उपलब्ध होने से कृषकों को अधिक मूल्य का लाभ मिल सके।

                बदरपुर ग्राम में मेरे यहां विभागीय मार्गदर्शन से प्राकृतिक कृषि तरीके से सब्जियाँ उगाई जा रही है और फिर वही सब्जियाँ राधौगढ़ सब्जी मंडी में विक्रय की जा रही है। मेरे द्वारा खीरा, गिलकी, ककडी, कद्दू, लोकी, मिर्ची टमाटर और टिण्डा आदि सब्जियों की जैविक खेती ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति से की जा रही है। प्रोजेक्ट  के माध्यकम से ड्रिप एवं मल्चिंग हेतु वित्तीय सहायता दी गई है, जैविक सब्जियों के उत्पापदन में वृद्धि एवं सब्जियों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। मुझे सब्जियों के विक्रय में भी विभाग द्वारा सहयोग किया जा रहा है। मेरे द्वारा वर्मी कम्पोट खाद का उपयोग किया जा रहा है, जिससे रासायनिक खाद खरीदने में लागत नहीं लगानी पडती। कीट एवं रोगों के नियंत्रण के लिये फफूंद, जीवाणु आधारित बायो पेस्टिसाईड एवं नीम ऑयलए नीमास्त्रो का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा सब्जियों की फसलों का समय.समय पर निरीक्षण कर तकनीकी सलाह दी जाती है।

जैविक खेती में कीटनाशक दवाओं पर अतिरिक्त खर्च नहीं करना पडता, जिससे खेती की लागत में कमी होती है और जैविक उत्पादों की कीमत ज्यादा मिलने से अधिक लाभ प्राप्‍त होता है। क्योंकि जैविक सब्जियॉं ताजा एवं स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इस प्रकार मुझे इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी विक्रय करने पर जैविक सब्जियों से 95000/ रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।