ग्वालियर l  सफलतापूर्वक उन्नत एवं जैविक खेती कर रहे जिले के प्रगतिशील किसान अन्य किसान भाईयों के लिये ब्राण्ड एम्बेसडर की भूमिका निभायेंगे। कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने शनिवार को जिले के उन्नत कृषकों से संवाद के दौरान उप संचालक कृषि को इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने उन्नतशील कृषकों द्वारा कृषि के क्षेत्र में हासिल की गई सफलता व उनके द्वारा किए गए नवाचारों से संबंधित अनुभव भी सुने। इस अवसर पर जिला कृषि विकास प्लान समिति की बैठक भी हुई। जिसमें कृषि विभाग की तीन वर्षीय कार्ययोजना पर विस्तृत विचार मंथन हुआ। 

 

संवाद के दौरान ग्राम बिजौली से आए ग्राम बिजौली निवासी उन्नत कृषक श्री राजेन्द्र सिंह पाल का कहना था कि वे अपने 20 बीघा के कृषि फार्म में जैविक खेती व पोल्टी फॉर्म सहित अन्य गतिविधियाँ संचालित कर रहे हैं। इसी कृषि फार्म में वे अब एक करोड़ रूपए लागत से बकरी स्टॉल फीडिंग यूनिट स्थापित करने जा रहे हैं। जिसके लिये पशुपालन विभाग से उन्हें 50 लाख रूपए का अनुदान भी मिला है। कलेक्टर श्री सिंह ने जब उनसे पूछा कि पढ़े-लिखे होने के बाबजूद आपने नौकरी की नहीं सोची। तब वे बोले कि अगर हम नौकरी करते तो घाटे में ही रहते। कृषि की आमदनी से हम अपने बेटा-बेटी को डॉक्टरी व इंजीनयरिंग की शिक्षा दिलाने के साथ-साथ घर का खर्चा चलाकर खुशहाल जीवन जी रहे हैं। 

 

इसी तरह आस्ट्रेलिया की खेती का अध्ययन करके आए ग्राम मैथाना निवासी उन्नतशील कृषक श्री रामसिंह किरार का कहना था कि केवल मैं ही नहीं मेरा पूरा गाँव जैविक खेती से जुड़ा है। पूरा गाँव हर समय हरा-भरा रहता है और गांव का कोई भी व्यक्ति नशा नहीं करता। गिरवाई के समीप 5 एकड़ भूमि में फूलों की खेती से खुशहाली की महक बिखेर रहे कृषक नाहर सिंह, मछली पालन से जुड़े भितरवार के ग्राम सूरजपुर निवासी श्री रवि कुशवाह और कस्टम हायरिंग केन्द्र खोलकर अच्छी खासी आमदनी हासिल कर रहे चीनौर निवासी कृषक श्री अमन गौड़ ने भी अपनी सफलता के अनुभव सुनाए। 

 

कलेक्टर श्री सिंह ने सभी उन्नतशील कृषकों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि आप सब ब्राण्ड एम्बेसडर की भूमिका निभाकर जिले के अन्य किसानों को भी जैविक खेती से जोड़कर उन्नतशील कृषक बनाएँ। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी तथा खेती से जुड़े अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ किसानों को दिलाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने फसल विविधिकरण, प्राकृतिक खेती और नेपियर घास उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी विशेष बल दिया।

बैठक में कृषि वैज्ञानिक श्री राज सिंह कुशवाह, उप संचालक कृषि श्री आर एस शाक्यवार, उप संचालक पशुपालन डॉ. बघेल तथा उद्यानिकी, मत्स्यपालन व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और जिले के उन्नतशील कृषक मौजूद रहे।