कृषि उत्पादन आयुक्त ने की संभाग में कृषि व कृषि से संबद्ध कार्यों की समीक्षा
जबलपुर l कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में आज एपीसी की बैठक होटल कल्चुरी में आयोजित की गई। इस दौरान एसीएस श्री अशोक वर्णवाल, पीएस पशुपालन व डेयरी श्री ई.रमेश, कमिश्नर श्री अभय वर्मा, उद्यानिकी डायरेक्टर श्री शशि भूषण सिंह, संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता, जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत तथा कृषि व कृषि संबद्ध विभागों के संभागीय व जिला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा के दौरान पशु संगणना अनुसार पशुधन संख्या में वृद्धि या कमी के साथ केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान सभी जिला पंचायत सीईओ से कहा गया कि वे पशुओं के टीकाकरण की निगरानी करें और मवेशियों में पैर व मुंह के रोग को गंभीरता से लेते हुए उनका त्वरित निराकरण करें। राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की वृहद समीक्षा कर कहा कि मुर्गी पालन, बकरी पालन को बढ़ावा दें, ताकि अजीविका के स्त्रोत सृजित हों। इस संबंध में एपीसी श्री सुलेमान ने कहा कि सभी पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालकों का तीन दिन प्रशिक्षण किया जाये। ताकि वे शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन के क्षेत्र में बढ़ावा दें। इस दौरान डिंडोरी में पशुधन विकास की दिशा में ठोस कार्यवाही नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त भी की गई। पशुधन विकास के लिए बैंको द्वारा प्रकरण निरस्त होने के कारणों की वृहद समीक्षा की गई। बैठक में केसीसी, गौ संवर्धन, नस्ल सुधार, सेक्सड सॉर्टेड सीमन, भूर्ण प्रत्यारोपण तकनीक आदि के संबंध में विस्तृत समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे पशुपालन व डेयरी विकास की दिशा में प्रभावी कार्य करें। एमपी स्टेट कॉऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की समीक्षा के दौरान कहा गया कि दुग्ध उत्पादन व संग्रहण की दिशा में प्रभावी कार्यवाही करें। मध्यप्रदेश की सहकारी डेयरी अधोसंरचना, दुग्ध संघ की गतिविधियां आदि पर चर्चा की गई। इस दौरान दुग्ध संघ के भुगतान से संबंधित समस्या आने पर एसीएस श्री वर्णवाल ने कहा कि जबतक दुग्धसंघ की राशि का भुगतान नहीं हो जाता है तब तक संभागीय अधिकारी के वेतन भुगतान न किया जाये। गौशालाओं की राशि भी समय पर सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मत्स्य पालन, केज कल्चर पर चर्चा कर कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाये। इस दौरान डिंडोरी, मंडला, बालाघाट और जबलपुर के मत्स्य पालकों ने अपनी सक्सेस स्टोरी सुनाई। कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान खाद की उपलब्धता, डीएपी के स्थान पर अन्य उर्वरकों का विकल्प, रबी व खरीफ के लिए अलग-अलग सीजन में खाद की उपयोगिता, रबी फसल बोनी चक्र आदि पर चर्चा करते हुए कहा कि खाद वितरण में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जिससे किसानों को लाईन में न लगना पड़े। साथ ही खाद के अवैध भंडारण, परिवहन एवं कालाबाजारी रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। कृषि क्षेत्र के युवा उद्यमियों को अवसर देने, स्वाइल टेस्टिंग पर जोर देते हुए नरवाई प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर और सुपर सीडर के उपयोग के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये गये। कृषि अभियांत्रिकी की समीक्षा के दौरान कस्टम हाइरिंग सेंटर, ओला-उबर की तर्ज पर कस्टम हाइरिंग सेंटर से कृषि यंत्रो की बुकिंग करने के साथ कृषि क्षेत्र में हैप्पी सीडर और सुपर सीडर के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। कृषि यंत्र एवं सिंचाई उपकरण की उपब्धता के लिए कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करें। साथ ही बीजोत्पादन संस्थाओं की जानकारी ली गई और संभागीय कमिश्नर से कहा गया कि वे बीज उत्पादन की निगरानी करें। बैठक में कहा गया कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में कार्य करें। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान डायरेक्टर उद्यानिकी ने कहा कि उद्यानिकी का रकबा बढ़ायें, सूक्ष्म सिंचाई सिस्टम को बढ़ावा दें और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद उन्नयन योजना अंतर्गत अधिकतम हितग्राहियों को लाभांवित किया जाये। इस दौरान ओडीओपी व उनके जीआई टैग के साथ पॉली हाउस, शेडनेट व उद्यानिकी के लिए संभाग की अपेक्षाओं पर चर्चा की गई। एसीएस श्री वर्णवाल ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण अधिक उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें और उद्यानिकी को लाभ का व्यवसाय बनाये। इसके साथ ही उद्यानिकी में बांस के प्रमोशन, पट्टा धारकों को केसीसी व पीएम किसान का लाभ देने के लिए कहा। इसी प्रकार सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान सहकारिता को सशक्त कर आर्थिक गतिविधियां सृजित करने के निर्देश दिये। केन्द्रीय सहकारी बैंको की समीक्षा के दौरान कहा कि समिति स्तर पर अल्पावधि कृषि ऋणों की वसूली की जाये और लापरवाह कर्मचारियों को अलग किया जाये। परंपरागत तरीके से हटकर नई संभावनाओं को तलाशे और सहकारिता का क्षेत्र व्यापक करें। इसमें सभी पैक्स मेंम्बर को अनिवार्य रूप से कम्प्यूटर की ट्रेनिंग के लिए जोर दिया गया। बैठक में कहा गया कि जो कर्मचारी कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं रखेगा उसकी सहकारिता में जॉब भी नहीं रहेगी।