सीबीएफसी की सभी शर्तों पर सहमति जताने के बाद  टीम संभवतः पंजाब चुनाव के बाद फिल्म इमरजेंसी रिलीज करेगी। यह फिल्म वाकई सभी के दिल के करीब है और दर्शकों को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। इसलिए, काफी विचार-विमर्श के बाद और किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने के लिए, पूरी टीम ने फैसला किया कि चुनाव खत्म होने के बाद, वे एक उपयुक्त दिन तय करेंगे और फिल्म रिलीज करेंगे। फिलहाल फिल्म को शांत समय में रिलीज करना सबसे अच्छा फैसला लगता है। रनौत की यह फिल्म तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की राजनीतिक घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। इसके ट्रेलर के रिलीज होने के बाद से फिल्म विवादों में घिरी हुई है। सिख समूहों ने 'इमरजेंसी' की रिलीज का विरोध जताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह उनके समुदाय को गलत तरीके से पेश करती है। इसके बाद मेकर्स को फिल्म की रिलीज टालनी पड़ी थी। सिख संगठनों की आलोचनाओं के बाद सीबीएफसी ने इमरजेंसी के लिए यू/ए सर्टिफिकेट जारी किया और कुछ कट्स का सुझाव दिया था।