बुरहानपुर। दक्षिण का द्वार कहलाने वाला मध्यप्रदेश राज्य का जिला बुरहानपुर अपने ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ कपड़ा उद्योग एवं केले के लिए भी विख्यात है। वैसे तो जिले की धरोहर ‘‘जल संग्रह-वितरण प्रणाली कुण्डी भण्डारा‘‘ विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुकी है। वहीं अब जिले की हल्दी भी विदेशों में प्रसिद्धि हासिल कर रही है। हल्दी को बढ़ावा, करीबन 1680 कृषक हल्दी खेती से जुडे़ बुरहानपुर जिले में ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ अंतर्गत केले फसल को शामिल किया गया है। इसके साथ ही उद्यानिकी फसल हल्दी को भी प्रोत्साहित करने का प्रयास जारी है। जिले में सेलम किस्म की हल्दी लगाई जाती है। हल्दी की खेती से जिले में करीबन 1680 कृषक जुडे़ है। मुख्यतः डोइफोड़िया कलस्टर, सिरपुर कलस्टर, खकनार कलस्टर एवं फोफनार कलस्टर में हल्दी की खेती होती है। जनवरी, 2025 में रूस के मास्को में आयोजित ‘‘नमस्ते भारत‘‘ प्रदर्शनी में जिले की उद्यानिकी एवं कृषि फसलों के उत्पादों का विस्तृत विवरण प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसके अंतर्गत केले व हल्दी से निर्मित विभिन्न उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शामिल हुए थे। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन और भारतीय रूसी मैत्री संगठन हारमनी के सहयोग से 23 जनवरी से 9 फरवरी, 2025 तक अद्वितीय रूस प्रदर्शनी के तहत भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया था। आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हमारे देश मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के बीच गहरे सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंध बढ़ाना रहा। पहली बार रूस में मध्यप्रदेश की संस्कृति, व्यापार और सहयोग के अवसरों के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में अवसर दिया गया। जिले की हल्दी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुँची रूस में आयोजित ‘‘नमस्ते भारत‘‘ प्रदर्शनी में बुरहानपुर की हल्दी ने सहभागियों को अपनी ओर आकर्षित किया। आयोजित प्रदर्शनी कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री राजू बड़वाया, खकनार फार्मर प्रोड्यूसर प्राइवेट लिमिटेड बुरहानपुर श्री उज्जवल चौधरी एवं जबलपुर मध्यप्रदेश के अवद्या हर्ब एंड फूड प्रायवेट लिमिटेड उद्यमी श्री अंबिका पटेल द्वारा 23 जनवरी से 26 जनवरी, 2025 तक ‘‘एक जिला-एक उत्पाद‘‘ के प्रादर्शो जैसे केला चिप्स, केला पाउडर, केला फिंगर, केला सेव, केला मिठाई आदि की प्रदर्शनी के साथ सहभागिता की गई थी। प्रतिवर्ष 20 टन हल्दी होगी एक्सपोर्ट उपसंचालक उद्यानिकी श्री बड़वाया ने बताया कि, हल्दी पाउडर के एक्सपोर्ट हेतु खकनार कृषि विकास प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, संस्थापक इकोइंडिया और एलएससी एकोमिर कंपनी अध्यक्ष भारत-रूस मैत्री संगठन हारमनी द्वारा एमओयू साईन किया गया है। जिसमें जिले से प्रतिवर्ष 20 टन हल्दी का एक्सपोर्ट किया जायेगा। समृद्धि और आर्थिक विकास के खुलेंगे द्वार जिले में 32 हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट है। हल्दी की क्वालिटी गहरी पिली व कुरकमीन की मात्रा 3.02 प्रतिशत है। निश्चित ही हल्दी के व्यवसाय से जिले के किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ जिले में समृद्धि और आर्थिक विकास होगा।