देवास l कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें सिरोल्या गाँव को आगामी दो वर्षो में आदर्श गाँव की ओर विकसित किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के.बडाया ने कृषक महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि फिनाइल बनाना एवं उसका विपणन कर हम आसानी से कम लागत में अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। लक्षित बाजारों और बढ़ते ग्राहकों के उत्पाद और सेवाओं को देखते हुए फिनाइल व्यवसाय एक बहुत ही लाभप्रद व्यवसाय साबित हो सकता है। व्यक्ति विशेष को बाजार में टिके रहने के लिए अच्छी कुशलता, अनुकूल क्षमता, बढ़ने की योग्यता, व्यापारिक जागरूकता और बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल और अच्छे संगठन आदि गुणों की आवश्कता होती है।फिनाइल हमारे सभी घरों में, अस्पतालों में, स्कूल में, होटल में तथा सभी जगह उपयोग किया जाने वाला उत्पाद है। अतः इसकी बढती हुयी मांग को देखते हुए यह व्यवसाय लाभप्रद साबित हो सकता है। 

 केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. लक्ष्मी द्वारा स्वयं सहायता समूह का निर्माण एवं उसके सफल संचालन हेतु विस्तृत जानकारी दी। प्रसार वैज्ञानिक श्रीमती अंकिता पाण्डेय द्वारा वैज्ञानिक एवं प्राकृतिक तरीके से फिनाइल बनाने का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें फिनाइल बनाने के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी दी गयी। जिससे महिलाओं को कौशल विकास एवं स्वयं सहायता समूह के लिए सशक्तिकरण की तरफ अग्रसित किया जाए।

प्रशिक्षण में टेरी से आई हुई श्रीमती अर्पिता ने बताया की सिरोल्या गाँव को आगामी दो वर्षो में आदर्श गाँव की तरह विकसित किया जायेगा एवं आदर्श गाँव बनाने हेतु सड़क निर्माण, बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा, युवाओ में स्वरोजगार हेतु व्यवसाय, बिजली की व्यवस्था, सड़क की व्यवस्था आदि पहलुओं पर काम किया जा रहा है।

केंद्र में वैज्ञानिकों द्वारा गाजर घास उन्मूलन सप्ताह का आयोजन भी किया गया। इसमें केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. के.एस.भार्गव, डॉ.महेंद्र सिंह, डॉ.मनीष कुमार, डॉ. निशीथ गुप्ता, डॉ.लक्ष्मी, श्रीमती नीरजा पटेल, श्रीमती अंकिता पाण्डेय आदि उपस्थित थे।