मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री में आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप के मुख्य आतिथ्य में उद्यम परिचय संवाद का आयोजन हुआ। इस अवसर पर एमएसएमई सचिव एवं मध्यप्रदेश शासन के उद्योग आयुक्त श्री पी. नरहरि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का पदाधिकारियों द्बारा फलों की टोकरी भेंट कर स्वागत किया गया। साथ ही, कार्यक्रम में पधारे उद्यमियों द्बारा माल्यार्पण कर अतिथिगणों का स्वागत किया गया।

डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन में कहा कि सरकार गठन के पश्चात् आज ग्वालियर एवं चेम्बर भवन में प्रथम बार माननीय एमएसएमई मंत्री जी का आगमन हुआ है, हम उनका हृदय से हार्दिक अभिनंदन करते हैं। आपने विशिष्ट अतिथि-श्री पी. नरहरि जी एवं उपस्थित सभी उद्यमियों का शब्दों से स्वागत करते हुए कहा कि उद्योग, प्रदेश एवं देश के विकास में रीढ की हड्डी की भूमिका अदा करते हैं। इसलिए सरकार को भी उनकी चिंता उनकी महत्वता को दृष्टिगत रखते हुए उसी प्रकार करना चाहिए। आपने आशा व्यक्त कि नवीन एमएसएमई मंत्री एवं उद्योग आयुक्त के नेतृत्व में ग्वालियर अंचल की एमएसएमई का स्वर्णिम भविष्य होगा।

श्री पी. नरहरि ने इस अवसर पर कहा कि उद्योगपतियों की दोहरे करारोपण की समस्या काफी पुरानी है और इसका उपाय ढूंढ लिया गया है। आपने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार द्बारा पंचायती राज एवं नगरीय निकाय अधिनियम में संशोधन कर, उद्योगपतियों से एक ही कर लिया जा रहा है और उस कर की राशि को समान रूप से बाद में विभक्त कर लिया जाता है। मध्यप्रदेश भी इसी तर्ज पर आपकी इस मांग का समाधान करने जा रहा है। चूंकि इसके लिए पंचायती राज एवं नगरीय निकाय अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है, इसलिए शीघ्र ही यह संशोधन कर, उद्योगपतियों को राहत प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि-एमएसएमई मंत्री-माननीय श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के कार्यक्रम का उद्देश्य आपसे संवाद करना है ताकि एमएसएमई की बेहतरी के लिए कार्य किए जा सकें। आगामी दौरे पर पूरे एक दिवस उद्योगपतियों से चर्चा एवं औद्योगिक क्षेत्रों के भ्रमण का शेड्यूल निर्धारित कर, आपके बीच आऊंगा। आपने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने विकास के विकेन्द्रीकरण का निर्णय किया है। इसके लिए कैबिनेट की बैठकें  प्रदेश के महानगरों में जाकर किया जाना तय किया है। विगत दिवस जबलपुर में यह बैठक आयोजित हो चुकी है और आगामी बैठक महाकाल नगरी उज्जैन में होना है। इसके बाद ग्वालियर में यह बैठक आयोजित होगी। इसका उद्देश्य है कि महानगर के स्थानीय मुद्दों को कैबिनेट की बैठक में रखकर उनका शीघ्र समाधान किया जाए। आपने कहा कि यह एक नये युग की शुरूआत है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने एमएसएमई व स्टार्टअप को प्राथमिकता में लिया है क्योंकि एमएसएमई विकास के ईंजन हैं, जो कि सबसे ज्यादा रोजगार का सृजन करते हैं और प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका का निर्वाहन करते हैं। मैं स्वयं एक उद्यमी हूँ, इसलिए सरकार ने मुझे एमएसएमई मंत्रालय सौंपा है। मैं आपकी समस्याओं को बेहतर समझता हूँ। आपने कहा कि उद्योगों की समस्याओं का समाधान हो और नये उद्यमी हताश न होकर यह महसूस करें कि सरकार उनके साथ खड़ी है, ऐसा वातावरण निर्मित करने का प्रयास होगा। 

हमारा प्रदेश अभी एमएसएमई के विकास में 7वें-8वें नंबर पर है। हम मध्यप्रदेश को एमएसएमई के क्षेत्र में नंबर वन बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि महाराष्ट्र एवं गुजरात में अब सेचुरेशन आ चुका है। इसका हमें लाभ उठाते हुए मध्य प्रदेश को देश का अग्रणी औद्योगिक प्रदेश बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास करना हैं। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये।

कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल एवं आभार मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल सहित पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिवद्बय-ललित गुप्ता, जगदीश मित्तल, एमएसएमई उपसमिति संयोजक-संजय कपूर, सहसंयोजक-संजय धवन, व्यवसायिक एवं औद्योगिक मेला आयोजन उपसमिति संयोजक-सोबरन सिंह तोमर, सहसंयोजक-प्रकाश रोहरा, कार्यकारिणी समिति सदस्य-राजेन्द्र अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, सौरभ गुप्ता, राजेश माखीजा, नंदकिशोर गोयल, रामकुमार चौपड़ा, पारस जैन, महेन्द्र साहू, दीपक श्रीचंद जैस्वानी, एवं विभिन्न औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी सहित काफी संख्या में उद्योगपति उपस्थित रहे।