ग्रीष्मकालीन मक्का, भिंडी व लोबिया का बुवाई कार्य 25 मार्च तक पूर्ण करें

सीहोर l रबी फसल गेहूं, चना, मसूर, तिवडा आदि की कटाई के तुरंत बाद पानी की पर्याप्त व्यवस्था होने पर खेत की तैयारी कर ग्रीष्मकालीन मक्का, भिण्डी एवं लोबिया की बुवाई शीघ्र पूर्ण करें।कृषि वैज्ञानिक के अनुसार उपयुक्त मिट्टी व बीजोपचार ग्रीष्मकालीन मक्का, भिण्डी एवं लोबिया के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, जिसका पी.एच. मान 6 से 7 के बीच हो। एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करने के बाद 2-3 बार कल्टीवेटर से जुताई कर खेत की मिट्टी को भुरभुरी व महीन बना लें। कृषि वैज्ञानिक के अनुसार ग्रीष्मकालीन मक्का, भिंडी एवं लोबिया के बीज को भूमि जनित रोगों से बचाने केलिए फफूंदनाशक दवाकार्बोण्डाजिम+मैन्कोजेबमात्रा 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचार करें। ग्रीष्मकालीन मक्का उन्नत किस्म पी.एम.एच.-7, पी.एम.एच.-8, पी.एम.एच.-10, कंचन, गौरव, विवेक मक्का, हाइब्रिड-27 का चयन करें। सामान्यतः मक्का के लिए बीज दर 18 से 20 किग्रा व संकर मक्का के लिए 12 से 15 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 60 सेमी एवं पौध से पौध की दूरी 30 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 120:60:40 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। इसमें स्फुर व पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार ग्रीष्मकालीन भिण्डी उन्नत किस्म पूसा सावनी, पूसा मखमली, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका का चयन करें। बीज दर 20 से 22 किग्रा प्रति 1 हैक्टेयर रखें। बुवाई के लिए कतार से कतार की दूरी 45 सेमी व पौध से D पौध दूरी 20 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 40:50:60 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। इसमें स्फुर व पोटाश की पूरी मात्रा व नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार ग्रीष्मकालीन लोबिया उन्नत किस्म पूसा कोमल, पूसा सुकोमल, काशी गौरी, काशी कंचन का चयन करें। बीज दर 18 से 20 किग्रा प्रति हैक्टेयर रखें। कतार से कतार की दूरी 45 से 60 सेमी व पौध से पौध दूरी 10 सेमी रखें। अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजनः स्फुरः पोटाश की मात्रा 20:60:50 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रखें। इसमें स्फुर और पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय एवं शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा को दो भाग में दें।दलहनी व तिलहनी फसल चना, मसूर व सरसों की कटाई चने के ज्यादातर पौधे पीले हो जाएं, फलियां पक जाएं व भूरी रंग की हो जाएं. दाना सख्त हो जाए तो कटाई कर लें। मसूर की फसल में फलियां 70-80 प्रतिशत तक सूख जाएं तो फसल काट लें। मसूर की फसल को पकने के बाद अधिक समय तक खेत में खड़ी न रखें। जब सरसों के पत्ते झड़ने लगें, फलियां पीली पड़ने लगे और 75 प्रतिशत फलियां सुनहरी हो जाएं तो कटाई कर लें।