पन्ना l कृषि महाविद्यालय पन्ना में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को मषरूम उत्पादन का दो दिवसीय प्रषिक्षण प्रदान किया गया। अधिष्ठाता डॉ. विजय कुमार यादव ने प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को मशरूम की खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। कम्पोस्ट एवं बीज तैयार करने तथा मषरूम उत्पादन की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी के साथ ही बताया गया कि मशरूम एक मृत कार्बनिक पदार्थों पर उगने वाला एक प्रकार का खाने योग्य कवक (फफूँद) होता है, जो वर्षा ऋतु में प्रायः जंगलों एवं घरो में अपने आप उगते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के द्वारा खाने योग्य मषरूमों का उत्पादन करना संभव कर लिया है और इसे बहुत सारे युवा उद्योग के रूप में स्थापित भी कर चुके हैं। मशरूम पोषण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। मशरूम को आहार के रूप में प्राचीन काल से ही उपयोग किया जा रहा है। इसमें उच्च कोटि के प्रोटीन, विटामिन्स, लवण तथा प्रचुर मात्रा में खनिज तत्व विद्यमान है। इसमें सभी प्रकार के आवश्यक एमिनो एसिड भी उपलब्ध है। मशरूम में प्रोटीन की मात्रा लगभग 28 से 32 प्रतिशत पायी जाती है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन सब्जियों एवं फलों से प्राप्त प्रोटीन से उच्च गुणवत्ता वाला होता है। इसे मधुमेह एवं हृदय रोगियों के लिये भी एक अच्छा व उच्च गुणवत्ता वाला भोज्य पदार्थ माना जाता है। इसकी गुणवत्ता एवं उपयोगिता को देखते हुये विद्यार्थियों को मषरूम उत्पादन के लिये उद्योग लगाये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा मषरूम उत्पादन के लिए आवष्यक सामग्री प्रदान कर पूरी प्रायोगिक प्रक्रिया भी सम्पन्न कराई गई। प्रषिक्षण कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त षिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।