सतना /खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने परंपरागत फसलों के स्थान पर कैश क्रॉप दलहन, तिलहन मोटे अनाज को बढ़ावा और डायवर्सीफाइड खेती के प्रयासों के चलते सतना जिले में इस बार खरीफ फसलों में मोटे अनाज दलहन, तिलहन का रकबा 44 हजार 300 हेक्टेयर बढ़ा है। इस आशय की जानकारी गुरुवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई। इस मौके पर उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप, उप संचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह, परियोजना संचालक आत्मा राजेश त्रिपाठी सहित कृषि विभाग के एसएडीओ भी उपस्थित थे। कृषि विभाग की समीक्षा में उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप ने बताया कि सतना जिले में खरीफ वर्ष 2023 के क्षेत्राच्छादन के लक्ष्य 3 लाख 35 हजार 245 हेक्टेयर के विरुद्ध 3 लाख 35 हजार 863 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बोनी हुई है। जो कि गत वर्ष की तुलना में 13 हजार 152 हेक्टेयर अधिक है। जिले में क्राप डायवर्सीफाई के तहत परंपरागत धान की फसल के स्थान पर कैश क्रॉप दलहन, तिलहन मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए प्रयासों के तहत धान के रकबे में इस साल 31 हजार 156 हेक्टेयर में कमी आई है। जिसके स्थान पर मोटे अनाज दलहन, तिलहन का रकबा 44 हजार 300 हेक्टेयर बढ़ा है। पिछले साल की तुलना में मोटे अनाजों में ज्वार 331 हेक्टेयर, मक्का 840, कोंदो-कुटकी 2147 हेक्टेयर में वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं दलहनों में अरहर में 2625 हेक्टेयर, उड़द में 25 हजार 931 हेक्टेयर, मूंग में 876 हेक्टेयर, सोयाबीन में 1791 हेक्टेयर और तिलहन में तिल 9759 हेक्टेयर क्षेत्र की वृद्धि दर्ज की गई है। विभागीय योजनाओं के तहत किसानों के लिए 1342 क्विंटल बीज का भंडारण कर 1182 क्विंटल बीच वितरण किया गया है। उर्वरक में 68 हजार 264 मे. टन भंडारण में, 47 हजार 533 मे. टन उर्वरक का वितरण हुआ है। बीज गुण नियंत्रण खरीफ में रामनगर, उचेहरा, मझगवां, विकासखंड के बीज नमूनों की जांच में औसत रूप से अधिक अमानक होने पर कलेक्टर ने जांच करने के निर्देश दिए। मिट्टी परीक्षण में निर्धारित लक्ष्य 22305 लक्ष्य के विरुद्ध 12059 नमूने लिए जाने और 1360 नमूने ही परीक्षण किए जाने पर कलेक्टर ने इन्हें बढ़ाने के निर्देश दिए। 100 गांव के 500 किसान करेंगे प्राकृतिक खेती मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक खेती करने 2247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। जिनमें 100 गांवों के 500 किसानों का चयन किया गया है। पंजीकृत किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी किसान अपनी इच्छानुसार धान, कोदो, उड़द, मूंग एवं सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उपसंचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 25 हेक्टेयर क्षेत्र का मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उन्नयन योजना में मैहर केपरसवारा में रमेश परौहा द्वारा स्थापित पास्ता एवं सेवइयां उत्पादन की इकाई और बेरमा, इटमा में अनिल त्रिपाठी द्वारा स्थापित टोमेटो कैचअप की उत्पादन इकाइयों ने उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। मत्स्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में मत्स्य क्षेत्र पोड़ी से 23 करोड़ स्टेफ्राई मत्स्य बीज का उत्पादन हुआ है। जिले में स्टेफ्राई का लक्ष्य 660 लाख निर्धारित किया गया है। पशुपालन विभाग से किसी भी अधिकारी के समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं रहने पर उपसंचालक पशुपालन को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।