मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया

भोपाल। प्रदेश सरकार की मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है, जिसमें 2010 के बाद बनाए गए ओबीसी प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने के आदेश दिये गए हैं। हाईकोर्ट के इस निर्णय से पश्चिम बंगाल के ओबीसी समाज में न्याय और उनके अधिकारों के संरक्षण का विश्वास जागा है। भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करती है और पश्चिम बंगाल सरकार से यह मांग करती है कि हाईकोर्ट के इस निर्णय को तत्काल लागू किया जाए। श्रीमती गौर ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण के मोह के चलते ममता बनर्जी अदालत के इस फैसले की अवमानना कर रही हैं और कह रही हैं कि वे इसे नहीं मानेंगी। भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी के इस अहंकारपूर्ण रवैये की भर्त्सना करती है। ममता बनर्जी के इस रवैये के खिलाफ पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन और पुतला दहन कर विरोध जताया।
*ममता बनर्जी ने लगाए मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को पंख*
श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पिछले वर्गों को दिया जाने वाला आरक्षण 2010 के पूर्व मात्र 7 प्रतिशत था। 2010 में कम्युनिस्टों की सरकार ने उसे बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि 17 में से 10 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिमों के लिए था, जो तुष्टिकरण की राजनीति का भयावह उदाहरण है। 2011 में जब ममता बनर्जी की सरकार बनी, उसके बाद तो तुष्टिकरण की राजनीति को जैसे पंख लग गए। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 180 पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन 2012 में ममता बनर्जी की सरकार ने एक नया कानून पास किया और जिसके तहत इन 180 जातियों में मुस्लिमों की 118 जातियों को शामिल कर दिया। मुस्लिमों को यह आरक्षण पिछड़ा वर्ग के हक छीनकर दिया गया था। देखते ही देखते पूरे पश्चिम बंगाल में सरकारी नौकरियों में बड़ी संख्या में मुस्लिमों की नियुक्तियां होने लगीं। पिछड़ा वर्ग को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मुस्लिम वर्ग को दिया जाने लगा, जो सीधे-सीधे इस देश की ओबीसी आबादी के अधिकारों पर कुठाराघात था। पश्चिम बंगाल में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का, वोट बैंक के राजनीति का और वोट जिहाद की राजनीति का यह वीभत्स उदाहरण पूरे देश ने देखा। ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले के विरुद्ध जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने नोटिस भेजकर पूछा कि आपने किस आधार पर मुस्लिमों को आरक्षण दिया, तो ममता बनर्जी की सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया, क्योंकि यह गैरकानूनी था।
*किसकी शह पर कोर्ट की अव्हेलना कर रही हैं ममता बनर्जी?*
प्रदेश शासन की मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार की इस करतूत से पूरे देश के ओबीसी वर्ग के मन में यह बात घर कर गई थी कि कांग्रेस, टीएमसी और इंडी गठबंधन ओबीसी के अधिकारों पर डाका डाल रहे हैं। ये दलित, आदिवासी और ओबीसी भाई बहनों के आरक्षण का भक्षण करना चाहते हैं। इन वर्गों का आरक्षण छीनकर और उसे मुस्लिमों को देकर पिछड़ों के अधिकारों का हनन करना चाहते हैं। ममता बनर्जी मां, माटी और मानुष के नारे के साथ सत्ता में आई थीं, लेकिन अब उनका यह नारा मुसलमान, मदरसा और माफिया के नारे में बदल गया है। ममता सरकार के इस फैसले के विरुद्ध जब पिछड़ा वर्ग का एक शुभचिंतक कोर्ट गया, तो सुनवाई के बाद कल कोलकाता हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट के इस फैसले ने ममता बनर्जी सरकार को आईना दिखाने का काम किया और उनकी चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर कर दिया। लेकिन ममता बनर्जी के अहंकार की पराकाष्ठा देखिए कि वो कहती हैं मैं ऐसे किसी आदेश को नहीं मानूंगी। भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी से यह पूछना चाहती है कि यह देश उनकी तानाशाही से चलेगा कि बाबा साहब के संविधान से चलेगा? ममता बनर्जी यह बताएं कि वह किसके इशारे पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को शर्मसार कर रही हैं, किसकी शह के आधार पर अदालत की अव्हेलना कर रही हैं? ममता बनर्जी अपने अहंकार से न सिर्फ संविधान का अपमान कर रही हैं, बल्कि सामाजिक न्याय की भावना को भी तारतार कर रही हैं। उनकी वोट बैंक की राजनीति ने पूरे पश्चिम बंगाल को तबाह कर दिया है। श्रीमती गौर ने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है, जिसकी गूंज 4 जून को सुनाई देगी।
*कांग्रेस और इंडी गठबंधन पिछड़ा वर्ग के विरोधी*
श्रीमती गौर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी लगातार देश की जनता को आगाह कर रहे हैं कि कांग्रेस और उसके इंडी गठबंधन के सहयोगी दल दलित, आदिवासी और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर उसे मुस्लिमों को देने का प्रयास कर रहे हैं। पूरे देश ने देखा है कि किस प्रकार से कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने पिछले दरवाजे से मुस्लिमों को आरक्षण देने का काम किया है। पहले कर्नाटक और आंध्रप्रदेश तथा अब पश्चिम बंगाल के घटनाक्रम से यही उजागर हो रहा है। श्रीमती गौर ने कहा कि 1909 में देश में मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की व्यवस्था की गई थी, जिसके दंश से देश का विभाजन हुआ। आज फिर वैसी ही स्थिति दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने ओबीसी विरोधी होने का प्रमाण 1951 में ही दे दिया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने कालेलकर आयोग की सिफारिशों को दबा दिया और उन पर चर्चा तक नहीं होने दी। 1977 में बनी जनता पार्टी की सरकार ने मंडल आयोग का गठन किया, लेकिन जब तक उसकी रिपोर्ट आती, तब तक देश में फिर से इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार आ चुकी थी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाद में राजीव गांधी की सरकार ने भी इन सिफारिशों को लागू नहीं किया। 1989 में जब वी.पी.सिंह प्रधानमंत्री बने, तब इन सिफारिशों को लागू किया गया, जिसके विरोध में राजीव गांधी ने एक घंटे तक भाषण दिया था। कांग्रेस के ही एक और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों और उनमें से भी मुस्लिमों का है। हमने देखा कि तुष्टिकरण की प्यासी कांग्रेस ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के माध्यम से कैसी गलतबयानी की थी। कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के सभी घटक दल अब धर्म के आधार पर आरक्षण देने के पक्ष में हैं, जबकि संविधान में इसके लिए कोई प्रावधान है ही नहीं। श्रीमती गौर ने कहा कि कांग्रेस, टीएमसी और इंडीगठबंधन के दलों ने जिस तरह से गैरकानूनी तरीके से मुस्लिमों को आरक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की है, उसका भारतीय जनता पार्टी पुरजोर विरोध करती है। श्रीमती गौर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी पूरे देश भर के ओबीसी समाज को आश्वस्त कर चुके हैं हम हर वर्ग को सबका साथ, सबके विकास के मंत्र पर आगे बढ़ाकर देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। कभी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करेंगे, कभी धर्म की राजनीति नहीं करेंगे और वोट बैंक के राजनीति करने वालों को करारा जवाब भी देंगे।
इस दौरान महापौर श्रीमती मालती राय, पूर्व न्यायाधीश श्री राम मीणा, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्रीमती क्षमा त्रिपाठी, पिछडा वर्ग मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री पूनम चंद पटवारे, श्री हमीर सिंह पटेल एवं पिछडा वर्ग मोर्चा जिला अध्यक्ष श्री गीता माली उपस्थित रहे।