जैविक खेती के माध्यम से सफल कृषक बनी मनीषा
सीधी जिले के सिहावल विकासखंड के ग्राम खोरबाटोला की मनीषा कुशवाहा ने जैविक खेती के माध्यम से सफलता प्राप्त की है। मनीषा कुशवाहा लक्ष्मी स्व सहायता समूह की सदस्य है। उनका कहना है कि समूह से जुड़ने से पहले वह घर का काम करती थी, उनके पति भी घर में ही छोटा-मोटा काम करते थे। उनके घर की वार्षिक आय 50 हजार रुपये से भी कम थी, जिस कारण परिवार चलाना, भोजन, बच्चों की पढ़ाई आदि कार्य सुचारु रूप से नहीं चल पाते थे एवं कमाई का कोई माध्यम नहीं होने के कारण घर की आजीविका चलना कठिन हो गया था।
मनीषा कुशवाहा के जीवन में सकारात्मक बदलाव आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद आये। मनीषा ने समूह का गठन किया एवं समूह से जुड़े सदस्यों के साथ निरंतर बैठक एवं बचत करती गई। अपने आजीविका को बढ़ाने के लिए मनीषा अपने समूह से ऋण लेकर सब्जी उत्पादन एवं बिक्री का कार्य शुरू किया। साथ ही उनके द्वारा समूह गठन, सिलाई, कृषि सीआरपी एवं अन्य आजीविका संबंधी कार्य किया जा रहा है। मनीषा कुशवाहा द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक समूह प्रगति जैविक-1 बनाया जिसमें गाँव की गरीब दीदी को जोड़ कर अपने घर में जैविक तरीके से खाद दवा बना कर जैविक कृषि, जैविक सब्जी उत्पादन एवं अन्य आजीविका गतिविधि को चलाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि जैविक खेती करना हमारे स्वास्थ एवं हमारे पर्यावरण के लिए लाभदायक है। उत्पादन में वृद्धि एवं खेत की मृदा में सुधार बेहतर ढंग से हो रहा, भूमि जल धारण क्षमता बढ़ रही, जैविक खेती में कम लागत लगानी पड़ती है एवं उत्पादन का मूल्य बाजार में बेहतर तरीके से मिल रहा है।
आज मनीषा की जीवन शैली बदल चुकी है। आज वार्षिक आय एक लाख से एक लाख 50 हजार रुपये लगभग है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल धोटे के निर्देशन मे म. प्र.डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला सीधी परियोजना प्रबंधक पुष्पेंद्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन एवं विजय गोस्वामी जिला प्रबंधक कृषि के मार्गदर्शन मे नोडल, विकासखंड समन्वयक आशीष कुमार मिश्र को अपने सफलता का श्रेय मनीषा कुशवाहा दे रही हैं। मनीषा कुशवाहा ने कहा कि आजीविका मिशन के समूह से जुड़कर कर वह आज गर्व का अनुभव करती हैं, जो प्रशिक्षण एवं समय-समय पर समूह के माध्यम से ऋण उपलब्ध करा कर उनके जीवन में आजीविका कमाने का मार्ग दिखाया।