खुशियों की दास्तां - नैनो यूरिया के उपयोग से खेती हुई आसान
छिंदवाड़ा l नैनो यूरिया के उपयोग से खेती करना अब पहले से आसान हो गया है। इससे एक ओर जहां यूरिया के परिवहन और भंडारण करने की लागत में कमी आई है, वहीं फसलों की पैदावार भी बढ़ी है। छिंदवाड़ा जिले के चौरई विकासखंड के ग्राम चीचगांव के कृषक श्री दीपक आढनेरिया ने भी इस वर्ष एक एकड़ में नैनो यूरिया का उपयोग कर लागत निकालने के बाद लगभग 80000 रुपए का आर्थिक लाभ प्राप्त किया है। उल्लेखनीय है कि नैनो यूरिया एक लागत प्रभावी उत्पाद है और खेत में इसकी कम मात्रा डालने पर ही फसलों को जरुरी नाइट्रोजन प्राप्त हो जाती है। खेती के लिए नैनो यूरिया का उपयोग करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पड़ता है। इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा और हवा व पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
कृषक श्री दीपक बताते हैं कि मेरे द्वारा पहले यूरिया का उपयोग किया जाता था। अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने से लागत भी अधिक लगती थी और परिवहन करने में भी समस्या आ रही थी। मेरे आर्थिक नुकसान को देखते हुए कृषि विभाग चौरई द्वारा नैनो यूरिया तरल के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया तरल की 500 मिली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग यानी एक बोरी के बराबर होगी। इसके प्रयोग से लागत में कमी आयेगी और नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे आसानी से पॉकेट में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण करने में लगने वाली लागत में काफी कमी आयेगी और फसलों की पैदावार बढ़ती है। इसे पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। इसका प्रयोग पोषक तत्वों की गुणवत्ता सुधारने एवं जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
कृषि विभाग द्वारा बताई गई जानकारी के बाद मेरे द्वारा इस वर्ष एक एकड़ खेत में नैनो यूरिया का प्रयोग किया गया जिसमें मैने दो बार नैनो यूरिया का स्प्रे किया, जिसकी लागत मुझे एक बोतल की कीमत 225 रुपए व 2 बार स्प्रे करने पर 450 रुपए की आई। नैनों यूरिया एवं अन्य खर्चे की कुल लागत निकालने के बाद भी मुझे लगभग 80 हजार रूपए का आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है। नैनो यूरिया के उपयोग से कृषक श्री दीपक के लिए खेती करना अब बहुत आसान और लाभ का व्यवसाय हो गया है। वे इसके लिए शासन और कृषि विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं, साथ ही अन्य कृषकों को भी नैनो यूरिया का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।