गुना l उप संचालक किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास ने बताया कि किसान भाई मक्‍का, धान, सोयाबीन आदि खरीफ फसलों की बुबाई हेतु डी.ए.पी. उर्वरक के स्‍थान पर एन.पी.के. उर्वरक का उपयोग करें। डी.ए.पी. में नाईट्रोजन, फास्‍फोरस तत्‍व होते है, जबकि एन.पी.के. में नाईट्रोजन, फास्‍फोरस के साथ पोटाश तत्‍व भी पाया जाता है, जो कि फसल के लिये अति महत्‍वपूर्ण एवं आवश्‍यक तत्‍व है। सोयाबीन फसल में एस.एस.पी. (सिंगल सुपर फास्‍फेट) उर्वरक का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्‍फेट में 16 प्रतिशत फास्‍फोरस, 12 प्रतिशत सल्‍फर, 21 प्रतिशत कैल्शियमतत्‍व पाये जाते है, जो कि सोयाबीन फसल के लिये अति फायदेमंद है।  

उन्‍होंने बताया कि खेत के जिन भागों में जल भराव होता है ऐसे स्‍थानों पर मक्‍का की बुबाई न करें, क्‍योंकि मक्‍का में जल भराव के कारण जड़े सड़ जाती है व फसल पीली पड़ जाती है। इसी प्रकार ढालू खेतों में धान फसल की बुबाई न करें, क्‍योंकि धान फसल को अधिक नमी की आवश्‍यकता होती है।