प्रराकृतिक खेती कम लागत की और पर्यावरण संरक्षण के केन्द्र में रखकर की जाने वाली खेती है।

बालाघाट के आवलाझरी में जैविक संसाधन केन्द्र प्रारंभप्राकृतिक खेती कम लागत की और पर्यावरण संरक्षण के केन्द्र में रखकर की जाने वाली खेती है। वर्तमान में खेती की बढ़ती लागत और रसायनों के अनुचित प्रयोगों से पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव हो रहे है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए कृषि तकनीकी प्रबंधन समिति ‘’आत्मा’’ द्वारा जिले में कृषि संबंधित समूहों के माध्यम से जैविक संसाधन केन्द्र (Bio Resource Center) स्थापित किये जा रहे है।यह समूह देशी गाय आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा एवं प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से जीवामृत, घनजीवामृत, ब्रम्हास्त्र, नीमास्त्र, अग्निआस्त्र, दशपर्णी अर्क जो कि जैविक किट नियंत्रण एवं भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किये जाते है, को तैयार कर स्वयं के खेत में उपयोग करेंगे एवं अन्य कृषकों जिनके पास देशी गाय न हो उन्हें इसका विक्रय किया जाएगा। इसी तारतम्य में दिनांक 11 सितम्बर 2023 को ग्राम पंचायत आंवलाझरी में जय मां शारदा कृषक रूची समूह द्वारा जैविक संसाधन केन्द्र प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर परियोजना संचालक आत्मा सुश्री अर्चना डोंगरे, उप परियोजना संचालक आत्मा श्री सुनील सोने, प्रभारी बी.टी.एम. श्री सौरभ भालेकर एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री मिलिन्द देशभ्रतार एवं पंच श्री भीवराम दमाहे समूह के अन्य सदस्यों के साथ उपस्थित रहे।