रबी/बंसत के फसलों के लिए फरवरी माह हेतु फसलवार कृषि परामर्श जारी

कृषि विभाग डिंडौरी द्वारा रबी/बंसत के फसलों के लिए फरवरी माह हेतु फसलवार कृषि परामर्श जारी किया गया है। जारी परामर्श के अनुसार गेहू की फसल में दूध अवस्था व दाना भरने की अवस्था में सिंचाई करने, गेहू में गेरूआ रोग दिखने पर मेन्कोजब 2.5 ग्रा./ली. पानी या प्रोपिकोनाजोल 1 मि.ली./ली. पानी में मिलाकर छिड़काव करने कहा गया है। इसी प्रकार से परामर्श में बताया गया कि चने की फसल में चने की इल्ली का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर इसके नियंत्रण हेतु कीटनाशी दवा फ्लूबेन्डामाइड 39.35 प्रतिशत एस.सी. की 100 मिली/हे. या इन्डोक्साकार्ब 15.8 प्रतिशत ई.सी. की 333 मिली./हे. का 400-500 ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। फसल की पत्तियां तथा तना सूख जाये व दाने में नाखून गड़ाने पर न गड़े, तब फसल की कटाई करें। कटाई उपरान्त 1-2 दिन धूप में सुखाकर फसल की गहाई करें। मटर की फसल में ऊपरी पत्तियां और फलियां हल्की पीली होने लगे, तो फसल की कटाई करें। मसूर की फसल पर माहू कीट का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 प्रतिशत ई.सी. 2 मिली./ली. या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत 0.2 मि.ली./ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। मसूर की फसल पकने की अवस्था में (जब ऊपरी पत्तियां सूख जाये और फलियां हल्की पीली हो जाये) सही समय पर कटाई कर तथा अधिक परिपक्वता होने पर फलियां गिरने व चटकने लगती है। इसी प्रकार सरसों की फसल में झुलसा या सफेद गेरूई रोग के लक्षण दिखाई देने पर रोकथाम हेतु नेकोजेब 2 ग्राम/लीटर पानी की दर से 500-800 लीटर पानी का घोल बनाकर 10-12 दिनों के अंतराल पर दो छिड़काव अवश्य करें। सरसों की फस्ल की परिपक्वता अवस्था में फली का रंग पीला होने लगे तो कटाई करें। इसके बाद 2-3 दिन धूप में सुखाने के बाद थ्रेसिंग करें। किसानों को सलाह दी जा रही है कि फसलों के कीट व्याधियों की पहचन तथा उनके रोकथाम की जानकारी हेतु मोबाईल एप्लीकेशन National Pest Surveillance System (NPSS) https://play.google.com/store/apps/details?id=com.npss को अपने मोबाईल में डाउनलोड कर उपयोग करें। फसल गहाई के उपरान्त उत्पाद को उचित नमी तक धूप में सुखायें। तत्पश्चात् भण्डार गृह को साक करके उसमें भण्डारित करें।